मानिकपुर , चित्रकूट शुक्रवार को राष्ट्रीय सेवा योजना विशेष शिविर के चतुर्थ दिन के प्रथम सत्र में ' दैनिक जीवन में योग का महत्त्व ' पर योग शिविर का आयोजन कार्यक्रम स्थल पर कराया गया । जिसमें प्रमोद कुमार तिवारी जिला योग प्रचारक चित्रकूट , शिव शंकर लाल केशरवानी वरिष्ठ योग शिक्षक मानिकपुर चित्रकूट मुख्य अतिथि एवं प्रशिक्षक थे । अपने उदबोधन में उन्होंने कहा कि योग प्राचीन भारत के संतों द्वारा विकसित ध्यान की एक पारंपरिक पद्धति है । योग , मन और शारीरिक गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिया भी किया जाता है । ' योग ' संस्कृत शब्द से उत्पन्न हुआ है इसका अर्थ है ' शामिल होना , एकजुट होना । योग से शरीर , मन , चेतना और आत्मा को एकजुट करके संतुलन में लाया जाता है । जिसे योग हमारी रोजमर्रा की मांगों , समस्याओं और चिंताओं का सामना करने में सहायता करता है । जब शरीर शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है , तो मन स्पष्ट , केंद्रित और तनाव पर नियंत्रण होता है । जब आप स्वस्थ होते हैं , तो आप अपने भीतर मन के साथ , दूसरों के साथ और आपके संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति के साथ जोड़ सकते हैं । इस अवसर पर महाविद्यालय के संरक्षक प्राचार्य महोदय ने बताया कि योगासना करते समय आप सांस पर ध्यान देते है , सांस पर ध्यान , तनाव और चिंता से मुक्त करता है । नियमित योग अभ्यास करने से अनिद्रा को ठीक करने में मदद मिलती है और गहरी नींद आती है । जो ऊर्जा को बनाए रखने में भी मदद करता है । विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए योग एक प्रभावी उपचार है । क्योंकि यह उन लक्षणों को कम कर सकता है । जो कि बीमारियों का कारण बनते हैं , जैसे कि अकड़न , थकान और कमजोरी । अतः हम सभी को योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना है । वर्तमान युग , आधुनिक युग में योग का महत्व बढ़ गया है । आधुनिक मनुष्य को आज योग की ज्यादा आवश्यकता है , जबकि मन और शरीर अत्यधिक तनाव , वायु प्रदूषण तथा भागम भाग के जीवन से रोगग्रस्त हो चला है । द्वितीय सत्र में प्रौढ़ शिक्षा पर कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें स्वयंसेवकों ने गाँव में जाकर लोगों को शिक्षा के महत्त्व को बतायास प्रौढ़ शिक्षा का उद्देश य उन
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