*कुछ न कुछ छूटना तो लाज़िमी है इस ज़िंदगी में :*
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*अचानक से आज़ यूँ ही ख़याल आया कि....*

*अख़बार पढ़ा तो प्राणायाम छूटा ,*
*प्राणायाम किया तो अख़बार छूटा ,*
*दोनों किए तो नाश्ता छूटा ,*
*सब ज़ल्दी-ज़ल्दी निबटाए तो आनंद छूटा ,*
*मतलब.....*
*कुछ-ना-कुछ छूटना तो लाज़िमी है...!!*


*जॉब देखो तो परिवार छूट जाता है ,*
*परिवार देखो तो जॉब छूट जाता है ,*
*और दोनों को छोड़ने की* *कल्पना मात्र से लगता है कि रूह छूटी ,*
*बीवी और माँ के बीच भी कुछ-ना-कुछ छूट ही जाता है ,*
*कुछ-ना-कुछ छूटना तो लाज़िमी है !!*

*हेल्दी खाना खाया तो स्वाद छूटा ,*
*स्वाद का खाया तो हेल्थ छूटी ,*
*दोनों किए तो.....*
*अब इस झंझट में कौन पड़े ??*

*मुहब्बत की तो शादी टूटी ,*
*शादी की तो मुहब्बत छूटी ,*
*दोनों किए तो वफ़ा छूटी ,*
*अब इस पचड़े में कौन पड़े ??*
*मतलब ,*
*कुछ-ना-कुछ छूटना तो लाज़िमी है...!!*

*जो ज़ल्दी की तो सामान छूट गया ,*
*ज़ल्दी ना की तो ट्रेन छूट गयी ,*
*जो दोनों ना छूटे तो ,*
*विदाई के वक़्त गले मिलना छूट गया ,*
*मतलब...*
*कुछ-ना-कुछ छूटना तो लाज़िमी है...!!*

*औरों का सोंचा तो मन का छूटा ,*
*मन का लिखा तो तिस्लिम टूटा ,*
*ख़ैर हमें क्या..*
*ख़ुश हुए तो हँसी छूटी ,*
*दुःखी हुए तो रुलाई छूट गयी ,*
*मतलब...*
*कुछ-ना-कुछ छूटना तो लाज़िमी है...!!*

*इस छूटने में ही तो पाने की ख़ुशी है ,*
*जिसका कुछ नहीं छूटा ,*
*वो इंसान नहीं ,मशीन है ,*
*इसलिए कुछ-ना-कुछ छूटना  तो लाज़िमी है...!!*

*जी लो जी भर कर*
*क्योंकि ??*
 *एक दिन ये ज़िन्दगी छूटना भी लाज़िमी है.....*

🙏🙏🙏🙏🙏++++अयोध्या ब्यूरो चीफ,डा०ए०के०श्रीवास्तव+

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