उतरौला विकासखंड परिसर में चल रहे पन्द्रह दिवसीय योग शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके अभ्यर्थियों को गुरुवार को प्रमाण पत्र वितरित किया गया ।
योग गुरु अंकित विश्वकर्मा ने कहा कि योग शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ्य रखने वाली विद्या है।
27 जनवरी से दस फरवरी तक आयोजित शिविर में करीब दो सौ प्रशिक्षुओं को योग के लाभो के बावत जानकारी देते हुए उन्हें योगाभ्यास कराया गया।
शिविर में सूर्य नमस्कार के बारह चरण, वृक्षासन, तड़ासन, मयूरासन, धनूरासन, शिरसासन, प्राणायाम आदि आसनों से बच्चों को अवगत कराते हुए उन्हें स्वस्थ रहने के तरीके बताए।
नीलम के कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ, खेल-कूद, कराटे व योगासन में रूची रखने से शरीर व मस्तिष्क स्वस्थ रहता है। उन्होंने ने बाबा रामदेव का उदाहरण देते हुए कहा कि योग कला में महारत हासिल कर विश्व में भारत का नाम रोशन कर सकते हैं।
योग गुरु पूजा व अंशु ने कहा कि योग कोई धर्म नहीं है। यह एक विज्ञान है। अच्छा बनने का विज्ञान, ताजगी का विज्ञान, शरीर को एक करने का विज्ञान, दिमाग और आत्मा को शांत रखने का विज्ञान। कहा कि योग यह एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है, जो कि पूरे स्वास्थ्य को ठीक रखने में सहायक है।
सभी योग गुरुओं ने प्रशिक्षुओं के बेहतर प्रदर्शन पर हर्ष व्यक्त करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।
असगर अली
उतरौला
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