मुख्यमंत्री ने स्वामित्व योजना में 1,001 ग्रामों के 1,57,244 भू-स्वामियों
को ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) के ऑनलाइन वितरण एवं
पूर्णतया ऑनलाइन डिजिटल खसरा प्रारूप का शुभारम्भ किया
स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता, संवेदनशीलता और हर गरीब के
लिए उनके मन के भाव को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रारम्भ की गयी: मुख्यमंत्री
वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार निरन्तर गरीब आबादी की चिन्ता कर रही है
स्वामित्व योजना के अन्तर्गत ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) प्राप्त होने से
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पत्ति सम्बन्धी विवादों में काफी कमी आएगी
इस योजना के माध्यम से ग्रामीणों को अपने गांव के आबादी
क्षेत्र में स्थित अपनी सम्पत्तियों के प्रमाणित दस्तावेज प्राप्त होंगे,
इनका उपयोग बैंकों से लोन आदि प्राप्त किये जाने में किया जा सकेगा
आबादी क्षेत्र का प्रारम्भिक डाटा तैयार होने से विकास हेतु
सरकारी योजनाएं संचालित किये जाने में भी सुगमता होगी
स्वामित्व योजना के अन्तर्गत तैयार अभिलेख ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय तरलता
एवं वित्तीय सुदृढ़ता के साथ ही विकास की प्रक्रिया को गति मिलेगी
उ0प्र0 देश में स्वामित्व योजना के मामले में प्रथम स्थान पर
वर्तमान सरकार तकनीक का भरपूर उपयोग कर रही है, कोरोना काल खण्ड में
तकनीक के माध्यम से सरकार ने जरूरतमन्दों को मदद पहुंचायी
ऑनलाइन खसरे के माध्यम से प्रत्येक स्तर पर इसका पर्यवेक्षण
किया जा सकेगा, जिससे अभिलेखों में शुद्धता व पारदर्शिता आएगी
मुख्यमंत्री ने 07 भूखण्ड स्वामियों को
ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का वितरण किया
मुख्यमंत्री ने स्वामित्व योजना के 05 लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद किया
लखनऊ: 12 फरवरी, 2021
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर स्वामित्व योजना में 1,001 ग्रामों के 1,57,244 भू-स्वामियों को ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) के ऑनलाइन वितरण एवं पूर्णतया ऑनलाइन डिजिटल खसरा प्रारूप का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वामित्व योजना आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दूरदर्शिता, संवेदनशीलता और हर गरीब के लिए उनके मन के भाव को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रारम्भ की गयी है। वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार निरन्तर गरीब आबादी की चिन्ता कर रही है, जो पुश्तों से अपना मकान बनाकर गांव में रहती है, लेकिन उस जमीन की मालिक कभी नहीं बन पाती हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वामित्व योजना के अन्तर्गत ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) प्राप्त होने से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पत्ति सम्बन्धी विवादों में काफी कमी आएगी। इस योजना के माध्यम से ग्रामीणों को अपने गांव के आबादी क्षेत्र में स्थित अपनी सम्पत्तियों (भवन, प्लाट आदि) के प्रमाणित दस्तावेज प्राप्त होंगे। जिनका उपयोग बैंकों से लोन आदि प्राप्त करने में किया जा सकेगा। आबादी क्षेत्र का प्रारम्भिक डाटा तैयार होने से विकास हेतु सरकारी योजनाएं संचालित किये जाने में भी सुगमता होगी। इस प्रकार स्वामित्व योजना के अन्तर्गत तैयार अभिलेख ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय तरलता एवं वित्तीय सुदृढ़ता के साथ ही विकास की प्रक्रिया को गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में स्वामित्व योजना के मामले में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा किया जा रहा यह कार्य अत्यन्त सराहनीय है। ग्रामीण आबादी के सर्वेक्षण एवं अभिलेख क्रिया के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 82,913 ग्रामों को अधिसूचित किया गया है। वर्तमान सरकार तकनीक का भरपूर उपयोग कर रही है। कोरोना काल खण्ड में भी तकनीक के माध्यम से सरकार ने जरूरतमन्दों को मदद पहुंचायी। इसी प्रकार, स्वामित्व योजना के अन्तर्गत ड्रोन कैमरे के माध्यम से भू-भाग की मैपिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऑनलाइन खसरे के माध्यम से प्रत्येक स्तर पर इसका पर्यवेक्षण किया जा सकेगा, जिससे अभिलेखों में शुद्धता व पारदर्शिता आएगी। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन खसरे में गाटे, फसल व सिंचाई के साधन, दैवीय आपदा तथा कृषि अवशिष्ट का निस्तारण, वृक्षों, गैर कृषि भूमि, लीज, 02 फसली क्षेत्रफल तथा अकृषित भूमि का विवरण अंकित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऑनलाइन खसरे में प्रविष्टि के समय होने वाली किसी लिपिकीय त्रुटि को संशोधित किया जा सकेगा। अगली फसल की प्रविष्टि प्रारम्भ करने के पश्चात, पूर्व की फसल की प्रविष्टियों में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। प्रदेश में कुल 1,08,848 राजस्व ग्रामों के लगभग 7.65 करोड़ गाटों/खसरों का कम्प्यूटरीकरण किया जाएगा। ऑनलाइन खसरा होने से प्रत्येक स्तर से इसका पर्यवेक्षण किया जा सकेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 07 भूखण्ड स्वामियों को ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) का वितरण किया, जिसमें श्री मुन्ना उर्फ उमाशंकर, श्रीमती किरन देवी, श्री शिवपाल सिंह, श्री जितेन्द्र सिंह, श्रीमती सन्ध्या तिवारी, श्री पन्ना लाल तथा श्री ज्ञान दत्त ओझा सम्मिलित हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री जी ने जनपद बांदा के श्री रामकिशोर, महोबा के श्री शिवराम मिश्रा, वाराणसी के श्री रविशंकर, जालौन के श्री मूलचन्द्र, कौशाम्बी के श्री मनोज त्रिपाठी से वर्चुअल माध्यम से संवाद किया। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री जी ने लाभार्थियों से स्वामित्व योजना के लाभ के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।
ज्ञातव्य है कि ग्रामीण आबादी क्षेत्र में आवासीय अभिलेख (घरौनी) तैयार करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 24 अप्रैल, 2020 को ‘स्वामित्व योजना’ का शुभारम्भ किया गया था। इस योजना के अन्तर्गत सर्वे ऑफ इण्डिया द्वारा ड्रोन सर्वे कर, अभी तक प्रदेश के 577 ग्रामों में 51,772 लाभार्थियों को ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) वितरित की जा चुकी है। प्रदेश के 11 जनपदों-जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, वाराणसी तथा आजमगढ़ के 1,001 नए ग्रामों में 1,57,244 ग्रामीण आवासीय अभिलेख तैयार किए जाने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया है, जिनका आज वितरण किया जा रहा है। इस प्रकार अब तक प्रदेश के 37 जनपदों के कुल 1,578 ग्रामों के 2,09,016 भूखण्ड स्वामियों को आवासीय अभिलेखों (घरौनियों) का वितरण पूर्ण हो गया।
इस अवसर पर राजस्व एवं बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री श्री विजय कुमार कश्यप, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अध्यक्ष राजस्व परिषद श्री दीपक त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, राहत आयुक्त श्री संजय गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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