मिर्जापुर। विकास को गति देने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने में पीतल व कालीन उद्योग बड़ी भूमिका निभा रहे। 254 पीतल व कालीन की 1503 छोटे-बड़े उद्योगों को मिलाकर जिले में कुल 215003 इकाइयां हैं। प्रदेश सरकार की ओर से औद्योगीकरण को बढ़ावा देने और एमएसएमई एक्ट 2020 लागू किए जाने से सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना में तेजी आई है।
जिले में लघु उद्योगों की भरमार है। दो लाख से ज्यादा इकाइयों इस समय जिले में चल रही है। इसमें सबसे ज्यादा पीतल और कालीन उद्योग की इकाइयां हैं। जो रोजगार का सबसे बड़ा सहारा हैं। जिले में प्लास्टर ऑफ पेरिस (गणेश-लक्ष्मी के मूर्ति निर्माण) की 217, फ्लोर मिल (आटा चक्की)103, राईस मिले 97, दाल मिल 5, हैंडलूम 125, लकड़ी के खिलौने 25, जनरल इंजीनियरिंग के 502, ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग के 9, सीमेंट निर्माण 5, स्पंज (सरिया) 3, पशु आहार दो, सोलर दो, फर्निचर 405, ड्राइंग एंड केमिकल इंडस्ट्रीज 57, आलमीरा उद्योग 47, छोटे-बड़े मशाला उद्योग 43, पैकेजिंग यूनिट 21, ऑक्सीजन गैस एजेंसी 2, पावर प्लांट 3, रेडीमेड गारमेंट 513, डेयरी प्रोड्क्ट 616, पेंट उद्योग 2, कागज के दोना पत्तल की 20-25, कंप्यूटर जैसे छोटे बड़े उद्योग, अगरबत्ती की पांच से छह इकाइयों के अलावा इलेक्ट्रिक सामान निर्माण की 500 से ऊपर इकाइयां स्थापित हैं। उपायुक्त उद्योग वीके चौधरी ने बताया कि एमएसएमई एक्ट 2021 और औद्योगिकीकरण की योजनाओं में सरलीकरण किये जाने से इनमें तेजी आई है। उद्योग और उद्यमियों को आगे बढ़ाने में अब तक कुल 1321 आवेदन पत्र प्राप्त हुए जिसमें आधे से अधिक संबंधित विभाग की ओर से पास कर दिए गए हैं।

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