*बंसत पंचमी के उपलक्ष्य में वागीश्वरी साहित्य परिषद के द्वारा हुआ कवि सम्मेलन आयोजित*
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*सत्य पर झूठ का आचरण हो गया मैला-मैला सा अंतःकरण हो गया-अर्जुन सिंह चांद*
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कोंच(जालौन)-बसन्तोत्सव के मौके पर अंतरराज्यीय कवि सम्मेलन का आयोजन  हुआ जिसमें बाहर से आए हुए कवियों में काब्य पाठकर स्रोताओं का मन मोह लिया। बागीश्वरी साहित्य परिषद के 13 वे स्थापना दिवस पर बड़ा मिली में आयोजित हुए उक्त कार्यक्रम में झांसी से आये कवि अर्जुन सिंह चांद ने कविता पाठ करते हुए कहा कि "सत्य पर झूठ का आचरण हो गया मैला-मैला सा अंतःकरण हो गया" लखनऊ के कवि डॉ बलराम सिंह राष्ट्रीय बादी में राष्ट्रीय प्रेम से भरपूर कविता सुनाते हुए "कहा कि जहाँ कि बोलिया सुनकर दिलो से दिल मिल जाते है उसी धरती पर मेरा प्यारा हिंदुस्तान बस्ता है" झांसी के ही कवि बैभव दुवे ने कहा कि "जिनके युद्ध अभ्यास कराया आत्मा सुरक्षा सिखलाई वही बने प्रतिद्वंद्वी मुझपर लक्ष्य साधकर बैठे है" गुरसराय से आई कवियत्री पूजा तोमर ने कहा कि "बने तू मीत मेरा में तेरे मन की मनमीत बनजाऊ तेरी सांसो के तारो का मधुर संगीत बन जाऊं" कवि विवेक बरसईया ने कविता पाठ करते हुए कहा कि "कितने हँसीन बादिया दीदारे याद भी रंजीस भी मानते है बो करते है प्यार भी" कवि संजीव दुवे ने कहा कि "क्रांति बीच कविता मेंरी मोन नही रह सकता हूँ आस्तीन के साँपो को सहन नही कर सकता हूँ'
साहित्य परिषद के अध्यक्ष ओमकार नाथ पाठक ने अपना कलाम पेश करते हुए कहा कि "मेरे मुक़द्दर तू न इतराया कर मेरे साथ दुआओं का काफिला है" इस दौरान सुरेश चंद्र गुप्ता,विज्ञान सीरौठिया आनन्द शर्मा सन्तोष तिवारी,एलआर श्रीवास्तव, अंजू अग्रवाल राजेन्द्र निगम सहित कई कवि एवं स्त्रोता मौजूद रहे।



जालौन से अनिल कुमार की रिपोर्ट

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