मिर्जापुर। चुनार विकास खंड के आयुष पांडेय (42) को ब्लड कैंसर हो गया था। लेकिन आयुष ने न सिर्फ कैंसर को मात दी, बल्कि अब दूसरों को कैंसर से लड़ने में मदद कर रहे। उन्होंने मदद के लिए कैंसर से पीड़ित लोगों का एक ग्रुप भी बनाया है।
चुनार विकास खंड के कन्हईपुर गांव के निवासी आयुष पांडेय को 2016 में ब्लड कैंसर होना पता चला। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी। लड़े और जीते। 2019 में वह स्वस्थ हुए। कैंसर से संघर्ष के दौरान आयुष को इस बीमारी से पीड़ित लोगों की तकलीफ का एहसास हुआ। पूरी तरह से ठीक होने के बाद उन्होंने कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए मन बना लिया। इसके लिए आयुष ने एक ग्रुप बनाया, कैंसर से पीड़ित लोगों को इससे जोड़ा। आयुष के ग्रुप में करीब 375 लोग शामिल हो चुके हैं। अब तक दो वर्षों में आयुष ने करीब 34 कैंसर से पीड़ित मरीजों की हर स्तर से मदद की है। आयुष ने विवेक सर्जिकल सेंटर के संपर्क में रहते हुए पीड़ितों की इलाज, खान-पान से लेकर रहने की सुविधा को उपलब्ध कराने में मदद की। चिकित्सालय के प्रबंधक डाक्टर विवेक दूबे ने बताया कि चिकित्सालय ने चुनार क्षेत्र में नि:शुल्क कैंसर जांच शिविर का आयोजन किया। इसमें क्षेत्र के बहुत ग्रामीणों ने अपनी जांच कराई, लेकिन आयुष में कैंसर का शुरूआती दौर था। जिसे डाक्टर अजय कुमार ने पहचान समय से कर ली। दो वर्षों की देख रेख के बाद आज आयुष पूर्णत: ठीक हैं। उनके धैर्य की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
चुनार विकास खंड के कन्हईपुर गांव के निवासी आयुष पांडेय को 2016 में ब्लड कैंसर होना पता चला। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी। लड़े और जीते। 2019 में वह स्वस्थ हुए। कैंसर से संघर्ष के दौरान आयुष को इस बीमारी से पीड़ित लोगों की तकलीफ का एहसास हुआ। पूरी तरह से ठीक होने के बाद उन्होंने कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए मन बना लिया। इसके लिए आयुष ने एक ग्रुप बनाया, कैंसर से पीड़ित लोगों को इससे जोड़ा। आयुष के ग्रुप में करीब 375 लोग शामिल हो चुके हैं। अब तक दो वर्षों में आयुष ने करीब 34 कैंसर से पीड़ित मरीजों की हर स्तर से मदद की है। आयुष ने विवेक सर्जिकल सेंटर के संपर्क में रहते हुए पीड़ितों की इलाज, खान-पान से लेकर रहने की सुविधा को उपलब्ध कराने में मदद की। चिकित्सालय के प्रबंधक डाक्टर विवेक दूबे ने बताया कि चिकित्सालय ने चुनार क्षेत्र में नि:शुल्क कैंसर जांच शिविर का आयोजन किया। इसमें क्षेत्र के बहुत ग्रामीणों ने अपनी जांच कराई, लेकिन आयुष में कैंसर का शुरूआती दौर था। जिसे डाक्टर अजय कुमार ने पहचान समय से कर ली। दो वर्षों की देख रेख के बाद आज आयुष पूर्णत: ठीक हैं। उनके धैर्य की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know