पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण व सीटों का वर्गीकरण जारी होने के बाद अब हर गांव व मजरे में नए सिरे से राजनीति का होना तय हो गया है। बीते पांच साल तक जिन लोगों ने प्रधान का पद संभाला था, उन्हें अब नए उम्मीदवार देने होंगे क्योंकि दो चुनावों से किसी प्रकार का बदलाव नहीं हुआ था, ऐसे में लोग इस बार आरक्षण को लेकर कुछ निश्चिंत थे लेकिन चुनाव से ठीक पहले आए आदेश पर अब नए सिरे से राजनीत होना तय हो गया है। 

प्रयागराज में नए परिसीमन के बाद प्रधान पद के लिए अनुसूचित जाति को कुल 351 सीटें मिली हैं जबकि पिछड़ा वर्ग के खाते में प्रदेश की जाति के अनुपात में 414 सीटें आई हैं। सामान्य वर्ग को कुल 775 सीटों पर चुनाव लड़ना होगा। वर्ष 2021 में होने वाले चुनाव में नए समीकरण व प्रत्याशी ताल ठोंकेंगे। जो सीटें अनुसूचित जाति की थीं वो अनुसूचित जाति महिला हो गई हैं और जो सीटें पिछड़ा वर्ग की थीं वो पिछड़ा वर्ग महिला के खाते में गई हैं। ऐसी तमाम सीटें हैं जो पिछले दो चुनावों से आरक्षित वर्ग में आ रही थीं लेकिन अबकी सामान्य हो गई हैं। ऐसे में सीटों पर नए सिरे से दावेदारी आएगी। 

एसटी के खाते में कोई सीट नहीं
जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जनजाति को पंचायत चुनाव में आरक्षण नहीं मिला है। इसका कारण यही बताया जा रहा है कि प्रयागराज जिले में इस जाति के लोग नहीं हैं। पिछले चुनावों में इस वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई थीं। 

प्रधानों की 1540 सीटों के आरक्षण पर एक नजर

अनुसूचित जाति  
महिला पुरुष कुल
125 226 351

पिछड़ा वर्ग
145 269 414

सामान्य
247 528 775

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