लखनऊ || प्रदेश सरकार छात्रवृत्ति में घपले व घोटाले रोकने के लिए अगले सत्र से अहम बदलाव करने जा रही है। छात्रों को अब आवेदन के समय बैंक खाते का विवरण नहीं देना होगा। आधार से लिंक बैंक खाते में ही छात्रवृत्ति भेजी जाएगी। यदि किसी छात्र के एक से अधिक बैंक खाते आधार से जुड़े हैं तो सबसे अंत में जुड़े बैंक खाते में छात्रवृत्ति भेजी जाएगी। छात्रवृत्ति के आवेदन से लेकर कक्षाओं
में बायोमीट्रिक उपस्थिति तक सब कुछ आधार के जरिये दर्ज की जाएगी। प्रदेश में करीब 57 लाख से अधिक छात्रों को समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति देते हैं। योगी सरकार छात्रवृत्ति में होने वाले घोटालों पर पूरी तरह नियंत्रण लगाने के लिए नए शैक्षिक सत्र से कई बदलाव करने जा रही है। छात्रवृत्ति के आवेदन के लिए अब आधार नंबर अनिवार्य किया गया है छात्रवृत्ति की वेबसाइट को आधार की वैबसाइट से जोड़ा जाएगा। यानी छात्रवृत्ति की वेबसाइट पर आवेदन करने के लिए जैसे ही आधार नंबर भरेंगे, स्वतः ही आधार की वेबसाइट से उस नंबर की प्रमाणिकता की जांच हो जाएगी। आधार नंबर प्रमाणिक होने पर ही छात्र आवेदन पत्र भर सकेंगे।
वर्तमान में छात्रवृत्ति के आवेदन में छात्रों को बैंक खाता संख्या, शाखा का नाम व आइएफएस कोड आदि विवरण भरना होता है। इस कारण कई बार कॉलेज प्रबंधन छात्रवृत्ति में खेल कर जाते थे। सारा विवरण छात्र-छात्राओं का और एकाउंट नंबर मिलते-जुलते नाम वाले किसी दूसरे का दे देते थे।
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