वसंत पंचमी पर महादेव के तिलकोत्सव का उत्सव मनाया जाएगा। 356 साल पुरानी काशी की धार्मिक परंपरा के अंतर्गत मंदिर के महंत आवास पर तिलक की रस्म अदा की जाएगी। बाबा की पंचबदन रजत मूर्ति का शृंगार दूल्हे के रूप में किया जाएगा। बाबा की जिस रजत मूर्ति का शृंगार होगा, वह मूर्ति सोमवार की शाम काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन द्वारा महंत परिवार को सौंपी गई।काशी विश्वनाथ मंदिर में विभिन्न धार्मिक अवसरों पर महंत आवास से ले जाकर पूजी जाने वाली जिन रजत मूर्तियों की वापसी के लिए महंत डा. कुलपति तिवारी ने अनशन किया था, यह रजत पंचबदन मूर्ति उन्हीं मूर्तियों में से एक है। मंदिर के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा, मंदिर के पीआरओ पुनीत धवन, चौक-दशाश्वमेध और ज्ञानवापी की सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों की मौजूदगी में बाबा की पंचबदन रजत मूर्ति, विश्वनाथ मंदिर के महंत डा. कुलपति तिवारी के ज्येष्ठ पुत्र वाचस्पति तिवारी एवं संजीवरत्न मिश्र को सुपुर्द की गई। मंदिर के अर्चकों ने विश्वनाथ मंदिर के गणनाकक्ष में पूजन किया गया। इसके उपरांत मंदिर के अर्चकों ने डमरुओं की गर्जना के बीच मूर्ति टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास तक पहुंचाई।

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