*जरवल ब्लॉक परिसर में आज चौरी चौरा महोत्सव का आयोजन किया गया*

*क्या है चौरी-चौरी का 99 साल पुराना इतिहास*

जरवल बहराइच

जरवल ब्लॉक परिसर में आज चौरी चौरा १००महोत्सव का आयोजन किया गया,जिसमें मुख्य अतिथि जरवल ब्लाक प्रमुख मनीष प्रताप सिंह रहें।
कार्यक्रम का संचालन मेहंदी हसन ने किया।
इस दौरान जय जवान जय किसान इंटर कालेज के छात्रों ने नगर में प्रभात फेरी निकाली,

जरवल ब्लाक में स्थापित शहीद स्मारक पर जरवल ब्लाक प्रमुख मनीष प्रताप सिंह, खंड विकास अधिकारी आशाराम वर्मा एवं अन्य ब्लाक कर्मचारियों ने व अध्यापक,अध्यापिकाओं ने फूल चढ़ा कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

इस कार्यक्रम में राहुल गोस्वामी ने अपने सम्बोधन में कहा "चलो फिर से आज वह नजारा याद कर लें" 
"शहीदों के दिलों में थी जो ज्वाला याद कर लें" 
"जिसमें बहकर आजादी पहुंची थी किनारे पे" 
"देशभक्तों के खून की वो धरा याद कर लें"

*क्या है चौरी-चौरी का 99 साल पुराना इतिहास*


जरवल ब्लाक प्रमुख मनीष प्रताप सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा चौरी-चौरा का इतिहास 99 साल पुराना है. 4 फरवरी 1922 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा में कुछ सत्याग्रही आंदोलन कर रहे थे, इस दौरान अंग्रेज सिपाही ने एक आंदोलनकारी की गांधी टोपी को पांवों तले रौंद दिया था. इसके बाद सत्याग्रही आक्रोशित हो गए और पुलिसवालों को दौड़ा दिया. पुलिसवाले भागकर थाने में छिप गए, लेकिन सत्याग्रहियों ने थाने को घेर लिया. पुलिस ने बचाव में फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें 3 सत्याग्रही मौके पर शहीद हो गए और 50 से ज्यादा घायल गए. गुस्साए क्रांतिकारियों ने पुलिस चौकी में आग लगा दी, जिसमें थानेदार समेत 23 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई.
इस मौके पर जिलापंचायत सदस्य राजन सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी अमित श्रीवास्तव ,कैलाश नाथ राना, अशोक मिश्रा" शिवम् यादव,राम समुज यादव,इसरार सिद्दकी, अंकुश कसौधन,व अध्यापक अध्यापिकाएं एवं पीआरडी के जवान मौजूद रहे।

तहसील कैसरगंज से रूपनारायण यादव की रिपोर्ट

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने