श्रीकृष्ण भगवान और सुदामा के मिलन पर भावविभोर हुए श्रोतागण
मित्रता में गरीबी-अमीरी आडे नहीं आती है-अनिल पाठक
रामपुरा ,जालौऩ।अकरूर ने कहा कन्हैया तुम किसी को चाचा बनाते हो किसी को मामा किसी को बाबा किन्तु सच्चाई तो यह है कि तुम ही सबके परबाबा हो।वहीं कथा वाचक द्वारा कृष्ण द्वारा उद्धव के अहंकार भंग की मार्मिक कथा प्रस्तुति ने श्रोताओ की आंखें नम कर दीं। तहसील क्षेत्र की बीहडवर्ती पहूज नदी के किनारे अटी मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित सिद्धपुरा रामपुरा सरकार धाम के प्रांगण में चल रहे संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ में भागवताचार्य पं श्रीसंत अनिल पाठक जी महाराज ने श्रोताओं को सुदामा चरित्र कथा में बताया कि गुरु,मित्र,बहन,बेटी और भगवान के घर कभी खाली हाथ नहीं जाना चाहिए। सुदामा की पत्नी के बार-बार कहने पर जब सुदामा अपने बचपन के मित्र द्वारिकाधीश श्रीकृष्ण के पास जाने तो तैयार हुए तो सुशीला ने पड़ोस से चावल लाकर अपने पति सुदामा को दिए और कहा जाओ अतिशीघ्र द्वारिकाधीश के पास जाओ।जब सुदामा दीन-हीन दशा में द्वारिकाधीश श्रीकृष्ण भगवान के महल में गये।तो द्वारपालों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। सुदामा ने द्वारपालों को बताया कि वह भगवान श्रीकृष्ण के बचपन के मित्र हैं।द्वारपालों ने द्वारिकाधीश श्रीकृष्ण को सुदामा के बारे में बताया तो भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्र से मिलने के लिए नंगे पैर ही दौड़कर अपने मित्र सुदामा को छाती से लगा लिया।वहीं सुदामा की दीन-हीन दशा को देखकर वह इतने व्याकुल हुए कि उन्होंने परात से पानी छुआ भी नहीं और अपने नेत्रों से बहे आंसुओं से मित्र के पैर धोए।आदर और सम्मान के साथ भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा से उनकी पत्नी सुशीला और बच्चों की कुशलता पूछी,तभी भगवान श्रीकृष्ण की नजर कांख में दबी चावल की पोटली पर पड़ गई तो भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा से वह चावल की पोटली छीन लीं और दो मुट्ठी चावल खाते ही दो लोकों का राज्य सुदामा को दे दिया।जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण ने तीसरी मुट्ठी चावल खाना चाहे तो रुक्मिणी ने भगवान श्रीकृष्ण का हाथ पकड़ लिया। सुदामा और श्रीकृष्ण भगवान की मित्रता के सजीव वर्णन से भक्तों की आंखें नम हो गई।भक्तगण श्रीदामा की दशा दीन-हीन दशा की कहानी का व्रतांत सुनते ही फूट-फूटकर रो पडे वहीं श्रीकृष्ण भगवान की मित्रता देख खुशी के आंसुओं में सराबोर हो गये।इस मौके पर पारीछत श्रीमती शांति देवी पूरन सिंह भदौरिया ,अरविंद कुमार भदौरिया, सहित समस्त ग्रामवासी क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।
जालौन से अनिल कुमार की रिपोर्ट
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know