संत रविदास सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे। इसका अंदाजा उनकी स्मृति में राजघाट में बनाए गए मंदिर को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। यह मंदिर सर्वधर्म समभाव का इकलौता ऐसा प्रतीक है, जिसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई एवं बौद्ध सभी धर्मों को आदर दिया गया है और इसके मंगल चिह्नों को मंदिर के गुम्बद पर स्थान दिया गया है।
रविदास की जयंती पर राजघाट स्थित रविदास मंदिर में भी देश-विदेश से उनके अनुयायी मत्था टेकने आते हैं। यह मंदिर संत रविदास के संदेशों के अनुकूल बनाया गया है। इस मंदिर की बनावट भी गुरु की भावना को प्रकट करती है, क्योंकि इसके ऊपर के सभी गुम्बद सर्वधर्म सद्भाव का संदेश देते हैं। इस मंदिर पर पांच कुम्बद है, जो हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई एवं बौद्ध धर्म का मंगल चिह्न के रूप में है। इस मंदिर का निर्माण पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम ने कराया है। उनकी बेटी एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे अंशुल अभिजित ने बताया कि नाना जी ने गुरु रविदास के संदेशों पर अपना जीवन जीया। यही वजह है कि उन्होंने इस मंदिर का निर्माण धर्मों के भेदभाव को तोड़ते हुए सर्वधर्म के प्रतीक के रूप में कराया। उन्होंने बताया कि इस मंदिर के निर्माण का शिलान्यास 12 अप्रैल 1979 में हुआ और 1986 में बनकर तैयार हुआ।
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