कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित हुआ किसान मेला, गोष्ठी एवं कृषि प्रदर्शनी

सम्मानित किये गये जिले के अन्नदाता 

बहराइच 23 फरवरी। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में आयोजित किसान मेला, गोष्ठी एवं कृषि प्रदर्शनी का जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने 06 कृषकों ग्राम बौण्डी फखरपुर के कौशल किशोर गुप्ता को निकरा परियोजना, ग्राम सोहरवा चितौरा की श्रीमती पार्वती गुप्ता को वर्मी कम्पोस्ट, गजाधरपुर फखरपुर के अम्बिका प्रसाद को एपीओ निर्माण, रामापुर कंधोली फखरपुर के कृष्ण नन्द शुक्ला को प्राकृतिक खेती एवं बिशनपुर राहु चितौरा के राम रूप कोरी को दलहन उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रमाण-पत्र व शाल भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने कहा कि किसानों की फसल अच्छी हो और उपज का वाजिब मूल्य मिले इसके लिए सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही हैं। किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा कृषि तकनीक, उन्नति खाद बीज की जानकारी दी जाती है। कृषि क्षेत्र में हो रहे नये-नये शोधों की भी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसान भाईयों को जानकारी दी जाती है। आप सभी कृषि विज्ञान केन्द्र से खेती किसानी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। इसके अलावा किसान भाई प्रगतिशील किसानों से प्रेरणा लेकर और कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव एवं सलह के अनुसार खेती कर अपनी आय बढ़ायें। जनपद में धान, गेंहू, मक्का, गन्ना, सब्जी इत्यादि की खेती बड़े मात्रा में की जाती है। उन्होंने कहा कि जनपद की चीनी मिले सही ढंग से चलती रहे और किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान समय से होता रहे इसके लिए मेरे स्तर से नियमित समीक्षा भी की जा रही है। 
जिलाधिकारी श्री कुमार ने यह भी बताया कि जनपद में हल्दी प्रोसेसिंग प्लान्ट की स्थापना के लिए कार्ययोजना तैयार कर नीति आयोग को भेजा गया है शीघ्र ही हल्दी प्रोसेसिंग प्लान्ट स्थापना की कार्यवाही हो जायेगी जिससे किसानों को लाभ मिलेगा। केला के टीसू कल्चर के लिए भी कार्ययोजना भेजा गया है। इसके अलावा केले के अवशेष के सदुपयोग के लिए यूनिट स्थापना के लिए प्रयास किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने किसानों को सलाह दी कि कृषि विविधीकरण अपनाये तथा खेती किसानी के साथ- साथ पशुपालक, रेशम, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, इत्यादि भी अपनाये। इससे आपके आय में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भूमि की उर्वरा पर भी विशेष ध्यान दे और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार उर्वरकों का समुचित प्रयोग करें। सिचाई में भी तकनीक का सहारा लेकर पानी बचाये। फसल अवशेष के प्रबन्धन में तकनीक का सहारा लें। इसके अलावा फसल अवशेष को जलाये नहीं बल्कि बेचकर भी आय बढ़ा सकते है। पर्यावरण की सुरक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार प्रोफेसर ए.पी. राव ने किसानों को खेती के साथ-साथ मछलीपालन, मशरूम एवं दुग्ध उत्पादन, मधुमक्खीपालन के साथ-साथ तिलहन उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया। श्री राव ने किसानों को अनाज भण्डारण के लिए भी जागरूक किया। उप निदेशक कृषि डाॅ. आर.केे सिंह ने एफपीओ निर्माण तथा खेती किसानी में आने वाली समस्याओं तथा उनके निदान के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की। जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर चर्चा करते हुए विभिन्न प्रजाति की सब्ज़ियों एवं बीजों एवं आम के पौधों की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान की। जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय ने बीजों एवं उर्वरकों की खरीद देय सब्सिडी तथा आगामी ज़ायद के मौसम में बोई जाने वाली दलहनी फसलों के बारे में चर्चा की।  
फसल अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. एच.एन. सिंह द्वारा मक्के की खेती, पूर्व वैज्ञानिक डाॅ. एम.पी. सिंह द्वारा केन्द्र द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं एवं सुविधाओं तथा ज़ायद की फसलों, वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. शैलेंद्र सिंह ने जायद के मौसम में प्रयोग होने वाली दलहनी फसलें जैसे उड़द पंत, उर्द 31 एवं मूंग की प्रजाति पंत मूंग 4 एवं 5, डॉ. रोहित कुमार पाण्डेय ने किसानों को समसामयिक कीट एवं रोगों के प्रबन्धन, श्रीमती रेनू आर्य द्वारा पोषण वाटिका के लिए उपयोगी प्रजातियों इत्यादि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गयी। कार्यक्रम के अन्त में कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच के प्रभारी प्रो. डाॅ. एम.पी. सिंह ने अतिथियों एवं कृषकों का आभार ज्ञापित करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित होने वाली गतिविधियों एवं सेवाओं के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
गोष्ठी का संचालन सहायक कृषि रक्षा अधिकारी भालचन्द त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर प्रबन्ध परिषद आचार्य नरेन्द्रदेव कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्व विद्यालय कुमारगंज अयोध्या के सदस्य राम सुन्दर चैधरी, निदेशक प्रसार प्रो. ए.पी. राव, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, कृषि विज्ञान केन्द्र नानपारा के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक विनायत प्रताप शाही, कृषि वैज्ञानिक डा. शैलेन्द्र सिंह, सहित बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि विज्ञान केन्द्र के अनिल पाण्डेय, संजय पाण्डेय, राजेश, सिराज व चन्द्र प्रकाश द्वारा सराहनीय सहयोग प्रदान किया गया।


तहसील सदर से चंद्रशेखर अवस्थी की रिपोर्ट

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