वैश्विक स्तर की कोरोना महामारी के मुश्किल दौर से शहर व गांव के लोगों को उबारने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से काशी के धरातल पर उतारे गए धनवंतरी मोबाइल अस्पताल 6 माह में ही बीमार होकर बंद हो गए हैं. हालत यह है कि स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी जवाब देने से कतरा रहे हैं.
बता दें कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान काशी शहर गांव के लोगों के घरों तक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से गत 14 अगस्त 2020 को 4 धनवंतरी मोबाइल अस्पताल काशी की जनता को समर्पित किए गए थे. मोटरसाइकिल की सहायता से संचालित किए गए इन मोबाइल धनवंतरी अस्पताल के माध्यम से 76 प्रकार के खून की जांच करने के साथ ही लोगों को निशुल्क चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान की गई थी. यही नहीं इन मोबाइल अस्पतालों के माध्यम से टेलीमेडिसिन की सुविधा भी प्रदान किए जाने की सहूलियत विकसित की गई थी.अब इसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कहें या फिर कार्य के प्रति उदासीनता गत 30 दिसंबर को लोक जन कल्याणकारी धनवंतरी मोबाइल अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग की ओर से बंद कर दिया गया है. इन मोबाइल अस्पताल के बंद हो जाने से इनका साजो सामान कबाड़ खाने में पहुंच गया है. मोटरसाइकिल अभी कबाड़ हो रही है. किसी की सीट फट चुकी है तो किसी बाइक की बैटरी खराब हो चली है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दलील दी है कि कोरोना संकटकाल में शहर की सकरी गलियों के साथ ही गांव गांव में जांच व चिकित्सीय परामर्श उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल अस्पताल संचालित किए गए थे. कम सैंपल प्राप्त होने की वजह से इन मोबाइल अस्पतालों को बंद कर दिया गया है.
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