*प्रदेश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश करेगी योगी सरकार*
*सीएम योगी ने हर वित्तीय वर्ष में बढ़ाया बजट का आकार, पांचवां बजट भी भारी भरकम होने का अनुमान*
*“सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’’ की मूल भावना के आधार पर बजट फोकस होने के आसार*
यूपी के चहुंमुखी विकास में कल यानि सोमवार को एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र में पेश होने वाला योगी सरकार का पांचवां बजट कई मायनों में खास साबित होने वाला है। योगी सरकार प्रदेश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश करेगी। इसके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक और रिकार्ड जुड़ने जा रहा है, भाजपा सरकार के वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने हैं, जिनकी देखरेख में लगातार पांचवीं बार बजट पेश किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में जब यूपी की कमान संभाली थी, उस समय प्रदेश की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं थी। आर्थिक रूप से काफी कमजोर प्रदेश को विकास के राह पर लाना आसान नहीं था, लेकिन तमाम चुनौतियों के बावजूद सीएम योगी ने हर वित्तीय वर्ष में बजट को बढ़ाया। उन्होंने अपना पहला बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ का बजट पेश किया था। इसके बावजूद जनता पर बिना कोई टैक्स बढ़ाए 86 हजार किसानों की 36 हजार करोड़ की कर्जमाफी और सातवें वेतन आयोग के रूप में करीब 36 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़, 2018-19 में 4.28 लाख करोड़, 2019-20 में 4.79 लाख करोड़ और 2020-21 में 5.12 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। सीएम योगी का अब पांचवां बजट भी भारी भरकम होने का अनुमान है।
*कंसल्टेंसी फर्म का हुआ चयन जल्द ही पहनाया जाएगा अमलीजामा*
यूपी की ईकोनॉमी को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए सरकार की ओर से हरसंभव कोशिश की जा रही है। योजना विभाग ने कंसल्टेंसी फर्म का चयन कर लिया है और अब जल्द ही इसे अमलीजामा पहनाया जाने वाला है। सरकार का यह बजट यूपी की ईकोनॉमी को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने में काफी अहम होने वाला है।
*मील का पत्थर साबित होगा एक ट्रिलियन डालर का लक्ष्य*
आर्थिक विशेषज्ञ अरविंद जायसवाल का कहना है कि योगी सरकार ने अपने पिछले चार बजटों के माध्यम से सभी क्षेत्रों को समग्र बनाने का कार्य किया है। हालांकि अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं। इसलिए ज्यादातर उम्मीद यह ही है कि इस बार सरकार अपने बजट में उन क्षेत्रों पर भी फोकस करेगी, जिन पर कम काम हुआ है। उनका कहना है कि एक ट्रिलियन डॉलर ईकोनॉमी का सपना अगर साकार होता है तो यह प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
*पहला बजट किसानों, दूसरा औद्योगिक विकास, तीसरा महिला सशक्तिकरण और चौथा युवाओं पर था आधारित*
बजट को सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की मूल भावना के आधार पर फोकस होने के आसार हैं। योगी सरकार का पहला बजट किसानों पर आधारित था, दूसरा औद्योगिक विकास, तीसरा बजट महिला सशक्तिकरण और चौथा बजट युवाओं के विकास पर आधारित था। इसी दूरदर्शी नीति के कारण पिछले पौने चार साल में सरकार ने किसानों, औद्योगिक विकास, महिला सशक्तिकरण और युवाओं के लिए अनुकरणीय कार्य किए हैं। जिसका नतीजा है कि प्रदेश में सभी वर्ग के लोग सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं।
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