चित्रकूट ब्यूरो जनपद के टीबी रोगियों को अब प्राइवेट एक्स - रे संस्थान में भी एक्स - रे कराने के लिए रुपए नहीं खर्च करने पड़ेंगे । सरकार द्वारा अब उन्हें निःशुल्क एक्स - रे टेस्टिंग कराने की सुविधा प्रदान की गई है । इससे छह साल के अधिक आयु के सैकड़ों टीबी रोगियों को लाभ मिलेगा । जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ नरेंद्र कुमार कुरैनया ने बताया कि जिले में अब टीबी रोगियों को प्राइवेट एक्स - रे संस्थान में एक्स - रे कराने की निःशुल्क सुविधा मिलेगी । सरकार की इस नई व्यवस्था से जिले में सैकड़ों टीबी रोगियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा । उन्होंने बताया कि प्राइवेट एक्स - रे संस्थान से एक्स - रे कराने पर टीबी के रोगियों को 350 से 450 रुपए खर्च करने पड़ते थे । इसमें रक्त की जाच भी शामिल है । प्राइवेट एक्स - रे संस्थान से निः शुल्क जान से बनने वाले रुपयों को टीबी रोगी अपने खानपान के लिए प्रयोग कर सकेंगे । इससे उनकी सेहत में सुधार होगा और वह टीबी रोग से लड़ने में और ज्यादा सक्षम होंगे । यहाँ निःशुल्क एक्स - रे जान की सुविधा जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय में तैनात पीपीएम विवेक मिश्रा ने बताया कि जिले में डा सुधीर अग्रवाल और डा एस पी त्रिपाठी एक्स - रे सेंटर को क्षय रोगियों के निःशुल्क एक्स – रे जाच की सुविधा के लिए नामित किया गया है । यहां पर छह वर्ष से अधिक उम्र के सभी रोगियों को एक्स - रे कराने पर रुपए नहीं खर्च करने 7 । पड़ेंगे । क्षय रोगियो की एक्स - रे जांच में होने वाले खर्च को वहन करने के लिए सरकार द्वारा जीत संस्था को नामित किया गया है । एमडीआर होने का इंतजार न करे क्षय रोगी जिला क्षय रोग अधिकारी ने रोगियों से अपील किया कि एमडीआर होने का इंतजार न करे । उन्होंने बताया कि जिले के सरकारी चिकित्सालयों में निःशुल्क जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है क्षय रोगी इसका लाभ उठाएं । उन्होंने बताया कि अभी भी बहुत से टीबी रोगी जिले के बाहर जाकर महंगा इलाज कराते हैं । इससे रोगियों की माली हालत दयनीय हो जाती है । बेतहासा रुपए खर्च करने के बावजूद भी सही तरीके से जांच किए बिना मनमाने तरीके से इलाज करने और महंगी दवाझ्या खाने से उनका रोग और बिगड़ जाता है । साथ ही कई लोग बीच में टीबी का इलाज छोड़ देते है । इससे बह एमडीआर के मरीज बन जाते हैं । माली हालत बिगड़ने और शारीरिक रूप से कमजोर होने के बाद मरीज सरकारी इलाज की ओर मुड़ते हैं । ऐसी अवस्था में सरकारी अस्पतालो में इलाज लेने से वह ठीक होते हैं लेकिन रोग बिगड़ने के कारण उन्हें अधिक वक्त तक दवाई खानी पड़ती हैं । उन्होंने रोगियों से अपील किया कि महगा इलाज लेने के पहले निःशुल्क और उत्तम क्वालिटी के सरकारी इलाज के लिए आगे आए और शारीरिक व आर्थिक स्थिति को बिगड़ने से बचाए । साथ ही दवाई का जो कोर्स है उसे पूरा करे , बीच में इलाज न छोड़े

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