*अधिकारियों के लापरवाही की भेंट चढ़ रहा मुख्यमंत्री जनआरोग्य मेला*


बलरामपुर। ग्रामीणों की सेहत सुधारने के लिए शुरू किया गया मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। कहीं पर डॉक्टर नदारद हैं तो कहीं पर मरीजों को बाहर की दवा लिखी जा रही है।
चिकित्सक के नहीं मिलने से कई मेले में आने वाले मरीजों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है। डॉक्टर की जगह फार्मासिस्ट लोगों का इलाज कर रहे हैं। मेले में गोल्डन कार्ड बनाने वाले कर्मियों के न आने से कई लोगों को बैरंग लौटना पड़ा।


जिले के 24 स्वास्थ्य केंद्रों पर रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। पीएचसी रेहरा बाजार में रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में बेटी साक्षी का इलाज कराने आए सुनील शुक्ला ने बताया कि चेकअप होने के बाद डॉक्टर ने कुछ दवाएं तो मौके पर दीं बाकी दवा बाहर की लिख दी है। पैसा न होने के कारण वह बाहर दवा नहीं ले पाएंगे।
इसी तरह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र महराजगंज तराई के मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में इलाज कराने आए राम सागर यादव ने बताया कि उन्हें अस्थमा की बीमारी है। सस्ते एवं सुलभ इलाज के लिए वह मेले में आए थे लेकिन यहां पर डॉक्टर नदारद रहे। फार्मासिस्ट लोगों का इलाज कर रहे हैं।
मायूस होकर घर वापस जाना पड़ रहा है। इसी तरह गीता देवी व ढोढ़े भी फार्मासिस्ट से इलाज कराकर वापस लौट गए। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गुगौली के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अमित कुमार ने बताया कि मेले में करीब 100 मरीजों के सेहत की जांच की गई। जांच के बाद मरीजों को मुफ्त दवाएं भी दी गई। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र इटईरामपुर पर लगे स्वास्थ्य मेले में आने वाले मरीजों के सेहत की जांच कर दवाएं दी गई।



बलरामपुर से आनंद मिश्रा की रिपोर्ट

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