संचारी रोग नियंत्रण अभियान की सफलता के विभागवार निर्धारित किये गये उत्तरदायित्व
बहराइच 27 फरवरी। जनपद में संचारी रोगों के प्रभावी नियंत्रण के लिए 01 से 31 मार्च 2021 तक संचालित किये जा रहे है अभियान को सफल बनाये जाने के उद्देश्य से शासन की ओर से जनपद स्तर पर अन्तर्विभागीय समन्वय समिति का गठन कर सभी विभागों के लिए अलग-अलग उत्तरदायित्व निर्धारित किये गये हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार से सम्बन्धित रोकथाम एवं नियंत्रण गतिविधियों हेतु राज्य, जनपद, ब्लाक तथा पंचायत/ग्राम स्तरों पर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय हेतु नोडल विभाग का कार्य करेगा।
अभियान के दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार केसेज की निगरानी सर्विलेंस, आशा, एएनएम तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के सहयोग से समय पर उपचार एवं सन्दर्भन हेतु समुदाय स्तर पर बुखार के मरीजों की ट्रैकिंग, रोगियों के उपचार तथा निःशुल्क परिवहन हेतु रोगी सेवा की व्यवस्था, वाहक नियंत्रण गतिविधियाॅ अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में वाहक के घनत्व के आंकलन, स्रोतों में कमी, लार्वारोधी गतिविधियांे के साथ आवश्यकतानुसार फागिंग की व्यवस्था, प्रचार-प्रसार एवं व्यवहार परिवर्तन से सम्बन्धित गतिविधियाॅ, माॅनिटरिंग, पर्यवेक्षण, रिर्पोटिंग, अभिलेखीकरण तथा विश्लेषण व न्यूरो-रिहैबिलिटेशन से सम्बन्धित गतिविधियाॅ संचालित की जायेंगी।
नगर विकास विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्रों में वातावरणीय तथा व्यक्तिगत स्वच्छता के उपायों, खुले में शौच न करने, शुद्ध पेयजल के प्रयोग तथा मच्छरों की रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान, खुली नालियों को ढकने की व्यवस्था, नालियाॅ/कचरों की साफ-सफाई, शहरी क्षेत्रों में फागिंग, उथले हैण्डपम्पों का प्रयोग रोकने के लिए उन्हें लाल रंग से चिन्हित करना, हैण्डपम्पों के पाइप को चारों ओर से ककरीट से बन्द करना, हैण्डपम्पों के पास अपशिष्ट जल के निकलने हेतु सोक-पिट का निर्माण, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता हेतु हैण्डपम्प के रिपेरिंग एवं पेयजल की गुणवत्ता के अनुश्रवण के लिए बैक्टीरियोलाजिकल/वायरोलाॅजिकल जांच, आबादी में इण्डिया मार्का-2 हैण्डपम्पों, मिनी पब्लिक वाटर सप्लाई (एमपीडब्ल्यूएस), टैंक टाईप स्टैण्ड पोस्ट (टीटीएसपी) की मानकों के अनुसार स्थापना एवं अनुरक्षण, जल भराव तथा वनस्पतियों की वृद्धि को रोकने के लिए सड़कों तथा पेवमेन्ट का निर्माण, शहरी क्षेत्रों एवं शहरी मलिन बस्तियों के संवेदनशील आबादी समूहों में गतिविधियों को केन्द्रित कर प्राथमिकता के आधार पर खुले में शौच से मुक्त करने से सम्बन्धित गतिविधियाॅ संचालित की जायेंगी।
पंचायती राज/ग्राम्य विकास विभाग ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी हेतु जन-जागरण, वीएचएसएनसी के माध्यम से संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार के रोकथाम हेतु क्या करें, क्या न करें का सघन प्रचार-प्रसार, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हेतु उथले हैण्डपम्पों को चिन्हित कर जनता को उनका प्रयोग न करने हेतु जागरूक करना तथा इण्डिया मार्का-2 हैण्डपम्पों की व्यवस्था, क्रियाशील रखना एवं उनके चारों ओर पक्का चबूतरे का निर्माण, माइक्रोफाइनेन्स योजनाओं के माध्यम से सामुदायिक/व्यक्तिगत वाटर फिल्टर्स तथा वाटर पम्पयुक्त टैंक टाइप स्टैण्ड पोस्ट की स्थापना, पेयजल स्रोतों संसाधनों से शौचालयों की दूरी के उपाय, शौचालयों/सीवर से पेयजल प्रदूषित न होने देने के लिए आवश्यक उपाय किये जायेंगे।
वेक्टर कन्ट्रोल हेतु जलाशयों एवं नालियों की नियमित सफाई, ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा फण्ड से फागिंग की व्यवस्था, अपशिष्ट/रूके हुए पानी तथा मच्छरों के प्रजनन की समस्याओं को रोकने के लिए गड्डों का भराव तथा मकानों के बीच कंकरीट अथवा पक्की ईटों वाली सड़कों का निर्माण, झाड़ियों को कटवाना तथा अन्य कृंतक नियन्त्रण उपाय के साथ-साथ जलाशयों एवं तालाबों से हाईसिन्स के पौधों की सफाई की कार्यवाही की जायेगी। इसी प्रकार वातावरणीय स्वच्छता के लिए जल निकासी एवं साफ-सफाई, वाटर सील्ड शौचालयों की तथा ग्राम स्तर पर कचरा निस्तारण एवं प्रबन्धन व्यवस्था का विकास, संक्रमण तथा जल संदूषण की उत्तरदायी खुली नालियों को ढकना, संवेदनशील ग्रामों में स्वच्छ भारत के अभियान अन्तर्गत ग्रामों में प्रत्येक मकान में शौचालय का निर्माण कर ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त बनाने, ग्रामों में कूड़ेदानों की स्थापना में सहयोग तथा ग्राम स्तर पर ऐच्छिक स्वास्थ्य प्रेरक चिन्हित कर ग्राम वासियों के मार्गदर्शन हेतु इनका स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जायेगा।
बहराइच से ब्यूरो रिपोर्ट राम कुमार यादव।
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