तमाम सहाबा कराम में हजरत सिद्दीक अकबर रजिअल्लाह अनहु सबसे अव्वल व अफजल। मुफ्ती मोहम्मद जमील खान।
उतरौला(बलरामपुर)

शुक्रवार शाम जामा मस्जिद उतरौला के निकट मसूदिया पार्क में एक अजीमो शान जश्ने सिद्दीके अकबर रजिअल्लाह ताला अनहु का अहतमाम किया गया।
कारी शफीउद्दीन खान नूरी ने कुराने पाक की तिलावत कर जलसे का आगाज किया।
मौलाना रिजवान अहमद, आसिफ रजा, मास्टर शबी अहमद ने हजरत सिद्दीक अकबर के शान में नात व मनकबत पेश किया। नात सुनकर जलसे में मौजूद अकीदत मंद झूम उठे। सिद्दके अकबर के नारों से पूरा मजमा गूंज उठा।
मौलाना आशिक रजा जिआई ने खेताब फरमाते हुए कहा की हजरत अबू बकर सिद्दीक के बगैर इस्लाम की तारीख मुकम्मल नहीं हो सकती। सबको सिद्दीके अकबर के बताए हुए नक्शे कदम पर चलने की तनवीह दी।
शहर काजी मुफ्ती मोहम्मद जमील खान ने 
इस्लाम के पहले खलीफा हजरत अबू बकर सिद्दीक रदी0 अन्हु की शान बयान करते हुए कहा कि हजरत सिद्दीके अकबर की विलादत मक्का में हुई। वालिद का नाम उस्मान अबू क्वफा इब्न अमीर और वालिदा का नाम उम्मुल खैर था। सिद्दीके अकबर बहुत ही सच्चे इंसान थे। सिद्दीके अकबर की दावत और मशवरे से बहुत सारे लोग इस्लाम में दाखिल हुए। सिद्दीके अकबर के बारे में हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम फरमाते हैं कि अबू बकर'अफजलुल बशर बादाल अंबिया'है यानी अंबिया (ईश्वरीय दूत) के बाद तामाम इंसानों में सबसे अफजल है। 
हुजूर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम के विसाल के बाद सिद्दीके अकबर इस्लाम के पहले खलीफा बनाए गए। हजरत सिद्दीके अकबर तमाम सहाबा में सबसे अफजल व अव्वल हैं। कहा कि अगर दुनिया व आखिरत में कामयाबी चाहते हो तो सिद्दीके अकबर के बताए रास्ते पर चलो। गरीबों की मदद करो और भूखों को खाना खिलाओ। हर हाल में सब्र व अल्लाह का शुक्र अदा करो।
हाफिज अब्दुल दय्यान ने जलसे में आए सभी अकीदतमंदों का शुक्रिया अदा किया।
सलातो सलाम के बाद मुल्क में अमन तरक्की, खुशहाली व कोरोनावायरस से मुकम्मल निजात पाने के लिए दुआ के साथ जलसे का समापन किया गया।
इस दौरान मौलाना शोएब अहमद ,हाफिज नूरुलहक, मौलाना शाहिद ,मास्टर रईस, गुलाम अहमद रजा, सुफियान रजा, अतीक अहमद खान, महबूब खां सहित काफी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।


असगर अली 
उतरौला 

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