..... *प्रेस विज्ञप्ति...*
आज दिनांक 5 फरवरी 2021 को दयानंद वैदिक कॉलेज के सेमिनार हॉल में राष्ट्रीय सेवा योजना के एकदिवसीय सामान्य शिविर के अंतर्गत तंबाकू नियंत्रण एवं राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में प्रतियोगिता आयोजन का शुभारंभ जिला तंबाकू नियंत्रण की अधिकारी डॉ तृप्ति यादव, नैदानिक मनोविज्ञान जिला जालौन मानसिक केंद्र की अधिकारी डॉ अर्चना विश्वास, डॉ महेश कुमार एवं डॉ दिनेश कुमार तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ माधुरी रावत, डॉ सुरेंद्र यादव, डॉ.नीता गुप्ता, डॉ. सुरेंद्र मोहन यादव एवं डॉ के.के. निगम के द्वारा सरस्वती प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. तृप्ति यादव ने तंबाकू एवं धूम्रपान नियंत्रण जागरूकता पर चर्चा करते हुए तंबाकू एवं धूम्रपान को व्यक्ति के लिए शारीरिक एवं मानसिक रोगों की जड़ बताया l धूम्रपान एवं तंबाकू से संबंधित होने वाले बीमारियों के क्रम में उन्होंने बताया कि 54 लाख लोग हर साल तंबाकू के सेवन से जान गवाँते हैं। 6.5 सेकंड में एक स्मोकर की मौत होती है। लगभग 8 लाख भारतीय प्रतिवर्ष तंबाकू सेवन से मरते हैं जो कि क्षय रोग , एड्स और मलेरिया के कारण मरने वाले कुल लोगों से भी अधिक है। प्रतिदिन दो हजार दो सौ से अधिक भारतीय तंबाकू सेवन के कारण मरते हैं। भारत में कैंसर से मरने वाले 100 रोगियों में से 40 रोगी तंबाकू के प्रयोग के कारण मरते हैं। लगभग 95% मुंह के कैंसर तंबाकू सेवन करने वाली बीमारियों में होते हैं। हार्टअटैक,फेफङे के रोग ,दृष्टि विहीनता और कुछ अन्य रोग तंबाकू के इस्तेमाल के कारण ही होते हैं। तथा बताया कि तंबाकू सेवन करने वाले व्यक्ति तंबाकू सेवन नहीं करने वाले व्यक्तियों से 10 वर्ष अधिक बड़े होने का अनुभव करते हैं और उनसे 10 वर्ष पहले मरते हैं। 2015 में 65 लाख लोग स्मोकिंग से मरे तथा 83लाख लोगों की मरने वालों की संख्या 2030 में जताई गई है। धूम्रपान के अलावा तंबाकू सेवन के कई प्रकार जैसे जर्दा, खैनी, हुक्का गुटका, पान मसाला, एवं गुल को बीड़ी ,सिगरेट की तरह ही हानिकारक बताया। नैदानिक मनोविज्ञानी जिला जालौन मानसिक केंद्र की परामर्श दात्री डॉ अर्चना विश्वास ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम जागरूकता के तहत बताया कि आज अधिकांश व्यक्ति चिंता, उलझन एवंअवसाद ग्रस्त होता जा रहा है। जल्दी थकना, हाथों में कंपन होना, हड़बड़ी में रहना ,अंधेरे से भय लगना, अकेले अथवा भीड़ में रहने पर भी भय लगना, नींद आने में परेशानी एवं रात भर नींद खुल जाना, अत्यधिक सपने आना, एकाग्रता एवं याददाश्त में कमी ,मन में उत्साह की कमी , दिल में घबराहट ,सीने में दर्द या बेहोशी की स्थिति आना आदि तमाम समस्याओं से अवगत कराते हुए इसे निजात पाने की बात बताई तथा समस्या ग्रस्त लोगों के लिए सरकारी अस्पताल में परामर्श केंद्र से सलाह लेने की भी बात कही। इसी क्रम में डॉक्टर महेश कुमार ने तंबाकू एवं धूम्रपान जागरूकता के क्रम में बताया कि इससे परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब होती है तथा परिवार का विकास भी रुक जाता है जिससे जीवन में अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी क्रम में परामर्शदाता डॉ दिनेश जी ने तंबाकू एवं धूम्रपान तथा मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित बातों को बताते हुए छात्र-छात्राओं से समाज में इससे होने वाले नुकसान से जागरूक करने की बात कही। इस अवसर पर तंबाकू एवं धूम्रपान नियंत्रण से संबंधित शपथ भी दिलाई गई। कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन एवं आभार प्रदर्शन डॉ सुरेंद्र यादव द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम के उपरांत द्वितीय कार्यक्रम के तहत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में विभिन्न प्रतियोगिता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें छात्र एवं छात्रा स्वयंसेवकों द्वारा निबंध प्रतियोगिता ,नाटक प्रतियोगिता, काव्य पाठ प्रतियोगिता एवं भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई l कार्यक्रम के इस अवसर पर प्राध्यापक गण कर्मचारी गण एवं छात्र छात्रा स्वयंसेवी उपस्थित रहे।
जालौन से अनिल कुमार की रिपोर्ट
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