NCR News:बुलंदशहर में हादसे का शिकार हुए आरक्षी प्रवीण का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। इस दौरान प्रवीण के पिता ने कहा कि प्रवीण जब भी फोन करता, हम बूढ़े मां-बाप की सलामती पूछता था। दो दिन पहले उससे आखिरी बार बात हुई। तब भी उसने हमारी खैरियत ही पूछी। कहा, पापा! ठंड बहुत हो रही है, अपना ख्याल रखा करो।  बेवजह घर से बाहर निकलने की जरूरत नहीं है। यह बात कहते ही मसूरी के इंद्रगढ़ी अंबेडकर नगर कॉलोनी निवासी रणजीत सिंह दहाड़े मारकर रोने लगे। बुलंदशहर हादसे में शहीद हुए पीएसी के सिपाही प्रवीण का शव मंगलवार दोपहर घर पहुंचा तो रुदन फैल गया। मौकेपर मौजूद लोगों की आंखें भी छलक उठीं।परिजनों के मुताबिक रणजीत सिंह के चार बेटे और एक बेटी थी। पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर के प्रवीण कुमार 2018 में पीएसी में भर्ती हुए थे। वह 38वीं वाहिनी पीएसी की एफ-कंपनी में तैनात थे और वर्तमान में किसान आंदोलन के मद्देनजर सिकंदराबाद, बुलंदशहर में हाईवे स्थित चार नंबर कट पर उनकी ड्यूटी थी।

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