गिरजा शंकर गुप्ता
 अम्बेडकर नगर 23 फरवरी 2021। जनसुनवाई पोर्टल को एस आई भवानी मिश्रा ने मजाक बना कर रख दिया जबकि योगी सरकार मे यह माना जाता रहा है कि जनसुनवाई पोर्टल से जनता को एक नई आशा के साथ लोगों को न्याय मिलेगा मगर अम्बेडकर नगर के बेवाना थाने के एस आई भवानी मिश्रा ने इस पोर्टल से जहाँ शिकायत करने वाले को मूर्ख बनाया है वही जिले के आला अधिकारियों को बेवकूफ बनाने का कार्य किया है
हम आपको अवगत कराते चले कि पूरा मामला क्या है नीरज मिश्रा संवाददाता ने डीएम अम्बेडकर नगर को 22/12/20 को एक प्रार्थना पत्र दिया था जिसके साथ एक डीवीडी भी दिया था जिसमे डीएम अम्बेडकर नगर ने पुलिस अधीक्षक को लिखा था कि कृपया आवश्यक कार्यवाही कराने का कष्ट करे फिर पुलिस अधीक्षक ने उक्त बातों को लिख कर अपने नीचे के अधिकारी को बढा दियाl
उसके बाद यह मामला थाने पहुचा जहाँ इसकी जाँच एस आई भवानी मिश्रा ने किया जिसमे एस आई भवानी ने यह दर्शाया कि विजय मिश्रा पुत्र हरिहर मिश्रा व नीरज मिश्रा के बीच जमीन वा लैट्रिन को लेकर बिवाद चल रहा है जिसके चलते नीरज मिश्रा आये दिन शिकायत करते रहते है जबकि नीरज मिश्रा ने आजतक कोई भी शिकायत नहीं की थीl
जबकि गाली देने वाले लोग अजय मिश्रा पुत्र रमेश चंद्र मिश्रा थे वा बिवेक मिश्रा पुत्र उमेश चन्द्र मिश्रा थे डीवीडी मे साफ आवाज सुनाई दे रही है जिसको नीरज मिश्रा ने एस आई भवानी को भी सुनाया था मगर एस आई भवानी ने एक बार अपने बिवेचना मे इन सबको बचाते हुए हरिहर मिश्रा के पाचवे बच्चे का नाम करण कर विजय मिश्रा कर दियाl
जब नीरज मिश्रा ने जनसुनवाई पर फीड बैक डाला कि यह गलत है तो दुवारा विवेचना मे इन्होंने यह लिखा कि आवेदक ने पूर्व मे एक और प्रार्थना पत्र दिया था जिसमें जाचं आख्या मे विपक्षी हरिहर के बेटे का नाम सहवन लिखा गया था आवेदक उसी के सम्बन्ध मे प्रार्थना पत्र दिया हैl
वैसे भी अब नीरज मिश्रा संवाददाता ने यह मान लिया कि हरिहर के छठवें बच्चे का नाम सहवन है वैसे भी यह मानना जरूरी है कि हमारी पुलिस जो भी लिख देती है विवेचना के दौरान वही हमारा माननीय न्यायालय से उच्च न्यायालय भी मानती है जिसपर हमारे वादी और प्रतिवादी कई वर्षों तक न्याय के लिए चक्कर लगाने को मजबूर रहते हैl
मगर पुलिस के द्वारा जो कुछ भी लिखा रहता है उसी को सही मानकर न्यायालय न्याय का आदेश सुना देता है इसलिए हमे यह मानना होगा की हरिहर मिश्रा के छठवें बच्चे का नाम सहवन है चाहे हरिहर का पूरा परिवार व गाँव भी इस बच्चे के बिषय मे न जानता हो लेकिन हमारे एस आई महोदय ने नोट के भवानी के आगे छठवें बच्चे का भी नामकरण कर दिया गया।

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