गिरजा शंकर गुप्ता
अंबेडकरनगर28 फरवरी 2021। बेहतर इलाज के लिए मरीजों की बड़ी उम्मीद का केंद्र राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर मौजूदा समय में अव्यवस्थाओं से संघर्ष कर रहा है। उसे स्वयं बेहतर इलाज की दरकार है। मुख्य गेट से लेकर भवन के अंदर तक जगह-जगह गंदगी पसरी है तो ऑपरेशन कक्ष के सामने बरामदे में तीमारदारों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। चारों तरफ पान की पीक से रंगी दीवारें नजर आती है तो ओटी के सामने बरामदे में पंखा क्षतिग्रस्त है। मेडिकल कॉलेज में करीब 20 दिन से लिफ्ट खराब पड़ी है। इससे मरीजों के साथ ही तीमारदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
लगभग डेढ़ दशक पूर्व जब सद्दरपुर में राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई, तो मरीजों व उनके तीमारदारों को उम्मीद बंधी कि अब उन्हें बेहतर इलाज के लिए बड़े शहरों में स्थित अस्पतालों तक की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। बड़े नाम के अनुरूप मेडिकल कॉलेज में ही उनका बेहतर इलाज हो सकेगा। हालांकि जैसे-जैसे समय बीतता गया, मरीजों की बेहतर इलाज की उम्मीदें चकनाचूर होती गईं। कहने को राजकीय मेडिकल कॉलेज है, लेकिन चारों तरफ अव्यवस्थाएं हैं।
साफ-सफाई व्यवस्था से लेकर मरीजों की सुविधा को लेकर जिम्मेदारों की ओर से गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। लापरवाही का आलम यह है कि मेडिकल कॉलेज में करीब 20 दिन से लिफ्ट खराब पड़ी है। ऐसे में तीमारदारों को मरीज सीढ़ियों से लेकर ऊपरी मंजिलों पर जाने को मजबूर होना पड़ता है। फायर बॉक्स पीकदान के रूप में परिवर्तित हो चुका है, तो ओटी कक्ष के सामने बरामदे की दीवारें पान की पीक से लाल हो चुकी हैं। बरामदे में लगे पंखे क्षतिग्रस्त हैं, तो बैठने के लिए समुचित व्यवस्था तक नहीं है। परिसर में चारों तरफ जगह-जगह गंदगी पसरी है। मरीजों का सुचारु इलाज भी सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है।
तीमारदारों ने जताई नाराजगी
राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर में मिले टांडा के तीमारदार राजेश कुमार व मोहम्मद इम्तियाज ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज में जिस बेहतर इलाज व व्यवस्था की उम्मीद थी, वह समय रहते टूटती जा रही है। इससे अब मेडिकल कॉलेज से मोहभंग होता जा रहा है। 
आलापुर के जगदीश व रामनगर के सुनील कुमार ने कहा कि करोड़ों रुपये की लागत से भवन का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन मेडिकल कॉलेज में जो सुविधाएं होनी चाहिए, वह नहीं हैं। पहले भी गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल तक की दौड़ लगानी पड़ती थी और अब भी दौड़ना पड़ रहा है। अकबरपुर के जगन्नाथ व शोभावती ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मरीजों के हित को देखते हुए जिम्मेदारों को जरूरी व्यवस्थाएं कराई जानी चाहिए।
लिफ्ट संचालन के लिए प्रयास जारी
मेडिकल कॉलेज परिसर में सफाई व्यवस्था बेहतर कराई जा रही है। लिफ्ट का संचालन शुरू हो, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। उपलब्ध संसाधनों के बीच बेहतर उपचार सुनिश्चित हो रहा है।

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