यमुना के किनारे किला बनवाने के साथ ही नगर के चारो तरफ सुरक्षा के लिए परकोटे भी बनाए गए थे। कई सराय भी यहां बने थे जिसमें सैनिकों के अलावा मुसाफिर भी ठहरा करते थे। नगर के पश्चिमी छोर पर पक्की सराय थी जिसको बाद में सराय खुल्दाबाद कहा जाने लगा। सराय में प्रवेश के लिए चारो कोनों पर बड़े-बड़े दरवाजे थे जो समय के साथ जर्जर होकर गिर गए। एक दरवाजे को कुछ साल पूर्व सुरक्षा का हवाला देते हुए पीडीए की ओर से गिरवा दिया गया था। जहां पर सराय थी आज वह क्षेत्र शहर का एक आर्थिक क्षेत्र बन गया है। पास में ही सब्जी मंडी है। लोहे और लकड़ी का भी बड़ा कारोबार यहां पर होता है।
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