*किसानों की कमर तोड़ेगा नया कृषि कानून*
बलरामपुर। नए कृषि कानून किसानों की कमर तोड़ने वाले है। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक गुट के पदाधिकारियों ने डीएम को ज्ञापन सौंपकर केंद्र सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग की है। कृषि कानून वापस न लेने पर यूनियन की तरफ से आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
यूनियन के जिलाध्यक्ष हृदयराम वर्मा के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा है कि कृषि सुधार बिल 2020 के तीनों कानून किसानों के हित में नहीं है। एमएसपी से नीचे खरीद को अपराध माना जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए।
स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किसान आयोग का गठन किया जाए। उत्तर प्रदेश में वर्तमान सरकार ने गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया है, जबकि पूर्ववर्ती सरकारों में गन्ने का मूल्य हर साल बढ़ाया जाता रहा है।
गन्ना किसानों के साथ हो रही घटतौली पर अंकुश लगाया जाए। मुड़िला गांव के पास राप्ती की कटान को रोकने के लिए बांध का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें किसानों की गेहूं की फसल को तबाह कर दिया गया है।
फसल बर्बाद होने वाले किसानों को तत्काल मुआवजा दिलाया जाए। इस अवसर पर राजू पाठक, साबित अली, दीनानाथ तिवारी, पुत्तूलाल तिवारी, प्रदीप कुमार व सुनील आदि किसान मौजूद रहे।
बलरामपुर से आनंद मिश्रा की रिपोर्ट।
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