लखनऊ || उत्तरप्रदेश सरकार ने उन 162 किसानों को 'शांतिभंग' को लेकर जारी नोटिस पर कार्यवाही नहीं करने का फैसला किया है जिनसे इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया था कि उनमें से प्रत्येक को 10 लाख रुपये का बांड भरने को क्यों नहीं कहा जाए। यह नोटिस 19 जनवरी को सीतापुर में ट्रैक्टर रखने वाले ज्यादातर किसानों को इस आशंका के तहत जारी गए थे कि ये जिले में कानून व्यवस्था को भंग कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते कोर्ट ने राज्य और जिले के अधिकारियों से यह स्पष्ट करने को कहा था कि गरीब किसानों को यह नोटिस कैसे और क्यों जारी किए गए? किसानों की ओर से पेश वकीलों की ओर से पेश याचिका में कहा गया था कि ये नोटिस आधारहीन हैं और किसी शख्स के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। इसके बाद यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को उक्ताशय की सूचना दी है।
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