औरैया // शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित कर दी है इससे सवर्ण दावेदारों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है सीट सुरक्षित होने के साथ ही सवर्ण दावेदारों की चुनावी गणित फेल हो गई 1997 में इटावा से अलग कर औरैया जिला बनाया गया था नवसृजित जनपद में 2000 में पंचायत चुनाव हुआ था उस समय जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई थी 2005 में महिला पद के लिए, 2010 में सामान्य व 2015 में भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित थी शासन ने वर्ष 2021 में जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित की है इससे सवर्ण दावेदारों को झटका लगा है जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजकुमार दुबे, ब्लॉक प्रमुख सौरभ भूषण आदि ने दावेदारों के मैदान में उतरने के लिए बेताब थे गौरतलब है कि ये तीनों भाजपा में है वहीं सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित होने से अनुसूचित जाति के दावेदारों में खुशी की लहर हैं एक दावेदार ने बताया कि यदि सीट सामान्य रहती तो चुनाव में सरगर्मी देखने को मिलती जनपद सृजन के बाद सभी चुनावों में सवर्णो को झटका मिलता रहा है इटावा लोकसभा क्षेत्र की सीट सुरक्षित, सदर विधानसभा क्षेत्र की सीट सुरक्षित तथा नगर पालिका परिषद की सीट भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

ब्यूरो रिपोर्ट - जे एस यादव 

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