अलावा चुनार क्षेत्र के शिवपुर व गांगपुर में कटान को रोकने के बाद अब नगर में प्रमुख स्थानों पर कटान से बचाव का कार्य कराया जाएगा। प्रति वर्ष गंगा में बाढ़ के चलते हो रहे कटान से नगर के फतहां स्थित सिंचाई कालोनी, घोड़े शहीद बाबा मजार, महाबीर पार्क, सीएमओ आवास, कार्यालय एवं अन्य मकानों के गंगा में विलीन होने का खतरा पैदा हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1143 करोड़ की लागत से होने वाले कटान से बचाव कार्य का तीन फरवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास भी दिया है। परियोजना के तहत खाली सीमेंट की बोरी में आरबीएम भरकर लाचिंग एप्रन का प्लेटफार्म , क्रेटेड बोल्डर से लाचिंग एप्रन व साइड स्लोप में क्रेटेड बोल्डर से स्टेपिंग के कार्य कराए जाएंगे। इससे पूर्व 546.72 लाख से सदर व चुनार तहसील क्षेत्र में चंडिका ग्राम व चंडिका मंदिर के अलावा चुनार क्षेत्र के शिवपुर व गांगपुर में गंगा कटान को रोकते हुए जहां लगभग 8000 हजार आबादी वाले चंडिका ग्राम व चंडिका मंदिर को गंगा कटान से बचाया गया है वहीं चुनार तहसील क्षेत्र के शिवपुर व गांगपुर के अपस्ट्रीम में 275 मीटर की लंबाई में डाउन स्ट्रीम में 210 मीटर की लंबाई में कार्य कराते हुए 8650 आबादी एवं 108 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि को बचाने के साथ ही दो पाठशालाएं, छह मंदिर, 8 निजी पंपिंग सेट एवं एक राजकीय नलकूप को कटान से बचाने का कार्य किया गया है। हुए कार्यो का प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से वर्चुवल के माध्यम से तीन फरवरी को बाकायदा इसका लोकार्पण कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1143 करोड़ की लागत से होने वाले कटान से बचाव कार्य का तीन फरवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास भी दिया है। परियोजना के तहत खाली सीमेंट की बोरी में आरबीएम भरकर लाचिंग एप्रन का प्लेटफार्म , क्रेटेड बोल्डर से लाचिंग एप्रन व साइड स्लोप में क्रेटेड बोल्डर से स्टेपिंग के कार्य कराए जाएंगे। इससे पूर्व 546.72 लाख से सदर व चुनार तहसील क्षेत्र में चंडिका ग्राम व चंडिका मंदिर के अलावा चुनार क्षेत्र के शिवपुर व गांगपुर में गंगा कटान को रोकते हुए जहां लगभग 8000 हजार आबादी वाले चंडिका ग्राम व चंडिका मंदिर को गंगा कटान से बचाया गया है वहीं चुनार तहसील क्षेत्र के शिवपुर व गांगपुर के अपस्ट्रीम में 275 मीटर की लंबाई में डाउन स्ट्रीम में 210 मीटर की लंबाई में कार्य कराते हुए 8650 आबादी एवं 108 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि को बचाने के साथ ही दो पाठशालाएं, छह मंदिर, 8 निजी पंपिंग सेट एवं एक राजकीय नलकूप को कटान से बचाने का कार्य किया गया है। हुए कार्यो का प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से वर्चुवल के माध्यम से तीन फरवरी को बाकायदा इसका लोकार्पण कर दिया गया है।
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