युवती को बिना न्यायिक और प्रशासनिक आदेश के नारी संरक्षण गृह भेजने के मामले में चौक थानाध्यक्ष और विवेचक पर कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट ने गुरुवार को नाराजगी जताई। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने कहा कि एसएसपी दोनों पुलिस अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

कोर्ट ने कहा कि मामले में दोनों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराकर पुलिस रेगुलेशन का पालन नहीं होता है तो न्यायालय अपनी प्रदत शक्तियों का प्रयोग करके मुकदमा दर्ज कराने को बाध्य होगी। अदालत ने इस आदेश को प्रमुख सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक को भेजने का आदेश दिया है।

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