दिव्यांग छात्र को दिए गए चेक का भुगतान बैंक से रोकने की खबर के बाद खंड विकास अधिकारी मनीराम वर्मा ने शुक्रवार को नगर पालिका जूनियर हाई स्कूल का निरीक्षण किया।
बीईओ ने इस बात का संज्ञान नही लिया कि ग्रामीण क्षेत्र की प्रधानाध्यापिका छह महीने पूर्व रैगावां मे हुए स्थानांतरण का चार्ज क्यों नहीं ले रही है। उल्टे उन्होने यहां पूर्णकालिक रूप से तैनात प्रधानाध्यापिका गुलशन फात्मा को ही दबाव में लेने का प्रयास किया। ग्रामीण क्षेत्र के अध्यापक को नगर में चार्ज लेने का कोई शासनादेश नहीं है। इसी स्कूल का दिव्यांग छात्र दो फरवरी से चेक के भुगतान के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है लेकिन बीईओ को उसकी मायूसी नजर नहीं आई। दोनों शिक्षिकाओं के बीच चल रहे वर्चस्व की लड़ाई से छात्र, अभिभावक व स्थानीय लोग परेशान हैं। विभागीय अधिकारी जांच के नाम पर लीपापोती कर चले जाते हैं। बीईओ का कहना है कि उन्होने जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है।
निर्णय बीएसए ही करेंगे। लेकिन अहम सवाल आज भी कायम है कि बैंक में पेमेंट स्टॉप होने के कारण दिव्यांग छात्र के पांच हजार रुपयों का भुगतान किस तरह हो पाएगा।
असगर अली
उतरौला
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