भागवत कथा का श्रवण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है- पंडित जगजीवन
गिरजा शंकर गुप्ता
अवेड़कर नगर। भगवान मानव को जन्म देने से पहले कहते हैं कि ऐसे कर्म करना, जिससे दोबारा मानव की योनी में जन्म न लेना पड़े। मानव मुट्ठी बंद करके यह संकल्प लेकर ही पृथ्वी पर जन्म लेता है। प्रभु भागवत कथा के माध्यम से मानव को यह संकल्प याद दिलाते रहते हैं। श्रीमद् भागवत कथा सुनने वालों का भगवान हमेशा कल्याण करते हैं। यह बात ग्रामपंचायत लोदीपुर सुलतानपुर पंचायत भवन पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान पंडित जगजीवन महराज ने कही। शनिवार को धुंधकारी के मोक्ष की कथा का वाचन किया गया। 
  कथा व्यास ने कहा कि कथा ही ऐसा मार्ग हैं जो प्रभु को मिला देता हैं जिससे मानव देव बन जाता हैं। और जो भगवान को प्रिय हो वही करो, हमेशा भगवान से मिलने का उद्देश्य बना लो, प्रभु का मार्ग अपना लो, इस संसार में जन्म मरण से मुक्ति भगवान की कथा ही दिला सकती है। भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बताती है। राजा परीक्षित के कारण पृथ्वी के लोगों को भागवत कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं किंतु भगवान के नियम न तो गलत हो सकते हैं और न ही बदले जा सकते हैं। राजा परीक्षित ने शुकदेव महाराज से पूछा की जो व्यक्ति मरने वाला हो, उस व्यक्ति को क्या करना चाहिए? किसका स्मरण करना चाहिए? और किसका परित्याग करना चाहिए? इस पर शुकदेव जी ने परीक्षित से कहा की ये प्रश्न केवल तुम्हारे कल्याण का ही नहीं अपितु संसार के कल्याण का प्रश्न है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए, जिससे उसका कल्याण निश्चित है। आयोजन समिति के प्रवक्ता विकास चन्द्र तिवारी, सिन्टू तिवारी (बाबा), विनोद कुमार आदि भागवत कथा के दौरान मौजूद रहे।

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