विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) पशुपति नाथ मिश्रा की अदालत ने आठ मुख्य सेविकाओं के चयन में कागजात सत्यापन के लिए घूस मांगने के मामले में दुद्धी (सोनभद्र) के बाल विकास परियोजना के प्रशासनिक अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। अदालत में अभियोजन के तरफ से एडीजीसी विनय सिंह ने पैरवी की।

राबर्ट्सगंज निवासी अजित कुमार की अर्जी पर 14 मार्च 2020 को दुद्धी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोप लगाया कि आठ आंगनवाड़ी का मुख्य सेविका पद पर चयन होना था। इस संबंध में अभिलेख सत्यापन के लिए बाल विकास परियोजना कार्यालय में भेजे गये थे। उक्त अभिलेखों को संशोधन और सत्यापन के लिए निदेशालय भेजना था। इसमें आंगनवाड़ी सेविकाओं से रिश्वत ली गई। इसकी शिकायत की गई। इस पर विभाग ने पांच सदस्यों की कमेटी बनाई। कमेटी ने प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ 2.65 लाख रुपये अवैध वसूली पाया। जिलाधिकारी ने विभागीय कार्रवाई की संस्तुति दी। बाल विकास सेवा और पुष्टाहार विभाग लखनऊ से पत्र आने पर मुकदमा दर्ज कराया गया। मामले में आरोपित प्रदीप कुमार सिंह ने कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर करने की गुहार लगाई थी।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने