अंबेडकरनगर : तिराहों के शहर अकबरपुर में यातायात नियम बेबस दिखता है। नियम और कानून का पालन छोड़ पुलिस कर्मी दिनभर जाम का जंजाल सुलझाने में जूझते नजर आते हैं। इसपर शहर के बीच से गुजरता राजमार्ग मुसीबत बन गया है। पार्किंग की व्यवस्था नहीं होना दाद में खाज बना है। जिला मुख्यालय का तमगा मिलने के बाद भी यातायात पर अव्यवस्था हावी है। तिराहों के इस शहर में चौराहा ढूंढ़े नहीं मिलेगा। पटेल नगर समेत तहसील तिराहा, चुंगी तिराहा, शहजादपुर तिराहा, मालीपुर तिराहा, जलालपुर तिराहा, दोस्तपुर तिराहा आदि शहर की खासियत हैं। फिलहाल में यह बड़ी मुसीबत बने हैं। तिराहों पर स्थान के अभाव से वाहन हमेशा आमने-सामने होते हैं। इससे जाम की समस्या भी विकराल नजर आती है। यातायात पुलिस के लिए इन तिराहों पर वाहनों को संभालना और यातायात नियमों का पालन कराना चुनौती बनता है।
जाम की समस्या दाद में बनी खाज खुजली : तिराहों पर जूझने तक यातायात की मुसीबत खत्म नहीं होती है। पार्किंग का पुख्ता इंतजाम नहीं होने से यह मुसीबत दाद में खाज बनी है। परिवहन निगम की बसों से लेकर टैक्सी, मालवाहक और निजी कार तथा बाइकें फुटपाथ पर खड़े होते हैं। जनपद मुख्यालय के तहसील चौराहे पर प्राइवेट बस सवारी बैठाने के लिए हमेशा खड़ी होती है जिसको यातायात विभाग और कस्बा चौकी वाग्भट को नजरअंदाज करता फिरता है। साल का कोर्स पूरा करने के लिए बाहर से आने वाली गाड़ियों और छोटे वाहनों का चालान कर खानापूर्ति कर ली जाती है। अपर पुलिस अधीक्षक अवनीश मिश्र द्वारा बाहों को तहसील तिराहे पर खड़ी कर यात्री बैठाते देख चालान कर कोतवाली भिजवाया। क्या अब व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए उच्चाधिकारियों को सड़क पर आना पड़ेगा। ऐसा प्रतीत होता है कि उच्चाधिकारियों के आदेश का कोई प्रभाव यातायात प्रभारी और कस्बा चौकी अकबरपुर के ऊपर नहीं पड़ता।

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