गन्ने के भुगतान व खरीद की समस्याओं से जूझने के बाद भी किसान इसका पैदावार कम करने के मूड़ में नहीं दिख रहे हैं। पिछले पेराई सत्र में हुई बोआई के विपरीत इस वर्ष 572.794 हेक्टेयर खेतों में ज्यादा गन्ने की बोआई की गई है। उतरौला गन्ना समिति के अंतर्गत गांवों में पिछले वर्ष 10348.854 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की बोआई हुई थी। इस बार यह आंकड़ा 10921.648 हेक्टेयर है।
गन्ना विकास विकास के ज्येष्ठ निरीक्षक दुर्गा प्रसाद बताते हैं कि गन्ने की खेती किसानों को इसलिए रास आ रही है क्योंकि इसमें उन्हें अन्य फसलों की अपेक्षा कम लागत व मेहनत खर्च करनी पड़ती है।
साथ ही एकमुश्त उपज की रकम भी मिल जाती है। बसंतकालीन गन्ने की बोआई में भी अधिक बोआई का लक्ष्य रखा गया है।
असगर अली
उतरौला
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