अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन की बलखाती गेंदों के सहारे इंग्लैंड को 112 रन पर समेटने के बाद भारत ने रोहित शर्मा के नाबाद अर्धशतक की मदद से बुधवार को यहां तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच की पहली पारी में मजबूत बढ़त हासिल करने की तरफ कदम बढ़ाए।
पटेल ने इस दिन रात्रि टेस्ट मैच के पहले दिन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 38 रन देकर छह विकेट लिए जबकि अश्विन ने 26 रन देकर तीन विकेट हासिल किए। एक विकेट इशांत शर्मा को मिला जो अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे हैं। इंग्लैंड के केवल चार बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे।
भारत ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक तीन विकेट पर 99 रन बनाए हैं और अब वह इंग्लैंड से केवल 13 रन पीछे है। स्टंप उखड़ने के समय रोहित 57 और उप कप्तान अजिंक्य रहाणे एक रन पर खेल रहे थे। कप्तान विराट कोहली (27) खेल समाप्त होने से पहले आखिरी ओवर में आउट हुए। रोहित और कोहली ने तीसरे विकेट के लिये 64 रन जोड़े।
शुभंकर गिल (11) ने जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड के सामने कड़ी परीक्षा दी लेकिन उन्होंने जोफ्रा आर्चर (24 रन देकर एक) की शार्ट पिच गेंद को पुल करने के प्रयास में हवा में गेंद लहरा दी। स्पिनर जैक लीच (27 रन देकर दो) ने इसके तुरंत बाद चेतेश्वर पुजारा (शून्य) को पगबाधा आउट करके इंग्लैंड के खेमे में खुशियां भर दी। पुजारा ने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ इसी मैदान पर अपना सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 206) बनाया था।
रोहित ने शुरू में संभलकर खेलने के बाद कुछ आकर्षक शॉट लगाए। इंग्लैंड ने उनके खिलाफ पगबाधा की अपील पर एक रिव्यू भी गंवाया। रोहित ने इसके बाद टेस्ट मैचों में अपना 12वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया। कोहली जब 24 रन पर थे तब ओली पोप ने उनका आसान कैच छोड़ा लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाये और लीच की गेंद अपने विकेटों पर खेल गए।
मोटेरा के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच पहले दिन से ही काफी टर्न ले रही थी और इस पर अश्विन और पटेल की फिरकी का इंग्लैंड के बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था। कलाई की चोट के कारण पहले दो मैचों में नहीं खेल पाने वाले सलामी बल्लेबाज जॉक क्रॉउली (84 गेंदों पर 53) ने प्रवाह मय बल्लेबाजी की और दस चौके लगाए लेकिन स्पिनरों के सामने वह भी बगले झांकने लगे।
टास जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने अपने विकेट बचाए रखने को जरूरत से ज्यादा प्राथमिकता देकर भारतीय स्पिनरों को हावी होने का मौका दिया।
इशांत (26 रन देकर एक) ने शानदार शुरुआत की और अच्छी लाइन व लेंथ से की गयी गेंद पर डोम सिब्ली (शून्य) को दूसरी स्लिप में रोहित शर्मा के हाथों कैच कराया। इसके बाद अक्षर और अश्विन की तूती बोली।
कोहली ने सातवें ओवर में ही अक्षर को गेंद सौंपी और उन्होंने अपनी पहली गेंद पर ही जॉनी बेयरस्टॉ (शून्य) को पगबाधा आउट कर दिया। क्रॉउली ने इस बीच गुलाबी गेंद से बल्लेबाजी के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले सत्र में आक्रामक रवैया अपनाया तथा कुछ खूबसूरत ड्राइव और फ्लिक से रन बटोरे।
लेकिन अश्विन के गेंद थामते ही क्रॉउली और जो रूट (17) दोनों को परेशानी होने लगी। क्रॉउली को विवादास्पद अंपायर कॉल के कारण जीवनदान मिला लेकिन रूट के मामले में स्थिति स्पष्ट थी। उन्होंने अश्विन की पगबाधा की सफल अपील पर डीआरएस भी गंवाया।
क्रॉउली ने रिवर्स स्वीप का भी सहारा लिया लेकिन अश्विन और अक्षर के सामने उनके प्रयास बेकार गए। अक्षर ने उन्हें सीधी गेंद पर पगबाधा आउट करके पहला सत्र भारत के नाम किया।
दूसरे सत्र में भी कहानी में कोई बदलाव नहीं हुआ। अश्विन ने चाय के विश्राम के बाद पहले ओवर में ही ओली पोप (एक) के ऑफ स्टंप की गिल्ली को गिराया तो अक्षर ने अगले ओवर में बेन स्टोक्स (छह) को पगबाधा किया जो दोहरी मानसिकता में गेंद बल्ले से रोकने में नाकाम रहे थे। इसके बाद जोफ्रा आर्चर (11) की बारी थी जो अक्षर की टर्न लेती गेंद पर गच्चा खा गए।
पुजारा ने लीच (तीन) का दूसरी स्लिप में अपनी दायीं तरफ काफी नीचा कैच लेकर अश्विन को टेस्ट मैचों में 397वां विकेट दिलाया जबकि पटेल ने ब्रॉड (तीन) के रूप में पारी का अपना पांचवों विकेट लिया। बुमराह ने डीप स्क्वायर लेग पर कैच लेकर इसमें अपना योगदान दिया। पटेल ने बेन फॉक्स (12) को आउट करके इंग्लैंड की पारी का अंत किया।
भारत ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक तीन विकेट पर 99 रन बनाए हैं और अब वह इंग्लैंड से केवल 13 रन पीछे है। स्टंप उखड़ने के समय रोहित 57 और उप कप्तान अजिंक्य रहाणे एक रन पर खेल रहे थे। कप्तान विराट कोहली (27) खेल समाप्त होने से पहले आखिरी ओवर में आउट हुए। रोहित और कोहली ने तीसरे विकेट के लिये 64 रन जोड़े।
शुभंकर गिल (11) ने जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड के सामने कड़ी परीक्षा दी लेकिन उन्होंने जोफ्रा आर्चर (24 रन देकर एक) की शार्ट पिच गेंद को पुल करने के प्रयास में हवा में गेंद लहरा दी। स्पिनर जैक लीच (27 रन देकर दो) ने इसके तुरंत बाद चेतेश्वर पुजारा (शून्य) को पगबाधा आउट करके इंग्लैंड के खेमे में खुशियां भर दी। पुजारा ने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ इसी मैदान पर अपना सर्वोच्च स्कोर (नाबाद 206) बनाया था।
रोहित ने शुरू में संभलकर खेलने के बाद कुछ आकर्षक शॉट लगाए। इंग्लैंड ने उनके खिलाफ पगबाधा की अपील पर एक रिव्यू भी गंवाया। रोहित ने इसके बाद टेस्ट मैचों में अपना 12वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया। कोहली जब 24 रन पर थे तब ओली पोप ने उनका आसान कैच छोड़ा लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाये और लीच की गेंद अपने विकेटों पर खेल गए।
मोटेरा के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच पहले दिन से ही काफी टर्न ले रही थी और इस पर अश्विन और पटेल की फिरकी का इंग्लैंड के बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था। कलाई की चोट के कारण पहले दो मैचों में नहीं खेल पाने वाले सलामी बल्लेबाज जॉक क्रॉउली (84 गेंदों पर 53) ने प्रवाह मय बल्लेबाजी की और दस चौके लगाए लेकिन स्पिनरों के सामने वह भी बगले झांकने लगे।
टास जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने अपने विकेट बचाए रखने को जरूरत से ज्यादा प्राथमिकता देकर भारतीय स्पिनरों को हावी होने का मौका दिया।
इशांत (26 रन देकर एक) ने शानदार शुरुआत की और अच्छी लाइन व लेंथ से की गयी गेंद पर डोम सिब्ली (शून्य) को दूसरी स्लिप में रोहित शर्मा के हाथों कैच कराया। इसके बाद अक्षर और अश्विन की तूती बोली।
कोहली ने सातवें ओवर में ही अक्षर को गेंद सौंपी और उन्होंने अपनी पहली गेंद पर ही जॉनी बेयरस्टॉ (शून्य) को पगबाधा आउट कर दिया। क्रॉउली ने इस बीच गुलाबी गेंद से बल्लेबाजी के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले सत्र में आक्रामक रवैया अपनाया तथा कुछ खूबसूरत ड्राइव और फ्लिक से रन बटोरे।
लेकिन अश्विन के गेंद थामते ही क्रॉउली और जो रूट (17) दोनों को परेशानी होने लगी। क्रॉउली को विवादास्पद अंपायर कॉल के कारण जीवनदान मिला लेकिन रूट के मामले में स्थिति स्पष्ट थी। उन्होंने अश्विन की पगबाधा की सफल अपील पर डीआरएस भी गंवाया।
क्रॉउली ने रिवर्स स्वीप का भी सहारा लिया लेकिन अश्विन और अक्षर के सामने उनके प्रयास बेकार गए। अक्षर ने उन्हें सीधी गेंद पर पगबाधा आउट करके पहला सत्र भारत के नाम किया।
दूसरे सत्र में भी कहानी में कोई बदलाव नहीं हुआ। अश्विन ने चाय के विश्राम के बाद पहले ओवर में ही ओली पोप (एक) के ऑफ स्टंप की गिल्ली को गिराया तो अक्षर ने अगले ओवर में बेन स्टोक्स (छह) को पगबाधा किया जो दोहरी मानसिकता में गेंद बल्ले से रोकने में नाकाम रहे थे। इसके बाद जोफ्रा आर्चर (11) की बारी थी जो अक्षर की टर्न लेती गेंद पर गच्चा खा गए।
पुजारा ने लीच (तीन) का दूसरी स्लिप में अपनी दायीं तरफ काफी नीचा कैच लेकर अश्विन को टेस्ट मैचों में 397वां विकेट दिलाया जबकि पटेल ने ब्रॉड (तीन) के रूप में पारी का अपना पांचवों विकेट लिया। बुमराह ने डीप स्क्वायर लेग पर कैच लेकर इसमें अपना योगदान दिया। पटेल ने बेन फॉक्स (12) को आउट करके इंग्लैंड की पारी का अंत किया।
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