जेएनएनयूआरएम के तहत पेयजल पाइप लाइनों को बिछाने में लापरवाही के चलते फंसे लगभग सवा सौ ठेकेदारों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। ये ठेकेदार शहर के कई स्थानों पर बिना ज्वाइंट किए पाइप बिछाते गए। सरसरी तौर पर शहर में लगभग 170 किमी की लंबाई में गैप होने का अनुमान है। वास्तव में कहां-कहां और कितनी दूरी तक गैप छोड़ दिया गया, इसका पता लगाने के लिए जल निगम ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे कराएगा। इसके लिए शासन से लगभग 6.25 करोड़ रुपये की मांग की गई है।

सर्वे के लिए धन की डिमांड के साथ जल निगम ने शासन को एक रिपोर्ट भी भेजी है। यह रिपोर्ट पेयजल पाइन लाइनों में गड़बड़ियों की शुरुआती जांच के आधार पर बनी है। उसके अनुसार ठेकेदारों ने चार, छह और आठ इंच की ब्रांच पाइप लाइनों में गैप छोड़ दिया था। उल्लेखनीय है कि जेएनएन यूआरएम के तहत कुल 466 किमी पाइप लाइन बिछाई गई थी लेकिन गैप के कारण सिर्फ 296 किमी पाइप से ही जलापूर्ति हो पा रही है।

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