उत्तराखंड के चमोली में ऋषिगंगा बांध के पानी से मचे जल प्रलय में चंदौली के पंकज पांडेय और मिर्जापुर के जयकिशन भी लापता हो गए हैं। चंदौली के शहाबगंज क्षेत्र के केराय गांव निवासी पंकज पांडेय वहां एनटीपीसी में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं। जबकि मिर्जापुर के कोटवां पांडेय गांव के जयकिशन एनटीपीसी के तपोवन स्थित पावर प्रोजेक्ट में फोरमैन के पद पर कार्यरत हैं। इस घटना से दोनों के घरों में कोहराम मचा है। परिजन जानकारी के लिए उत्तराखंड रवाना हो गए हैं।
केराय गांव निवासी स्व. गिरजाशंकर पांडेय के पुत्र पंकज पिछले साल दिसंबर में उत्तराखंड के चमोली जिले में एनटीपीसी के प्लांट में सुपरवाइजर के पद पर काम करने के लिए गए थे। रविवार सुबह चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना की जानकारी जैसे ही घरवालों को हुई लोगों में खलबली मच गई। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत उनके भाई राहुल पांडेय चमोली के लिए निकल गए हैं। इस घटना के बाद परिवार के साथ रिश्तेदार भी परेशान हैं। पंकज की शादी तीन साल पहले इलिया थाना क्षेत्र के रोहाखी गांव में शीतला देवी के साथ हुई है। उनके चार माह का एक बेटा रूपम है
वहीं मिर्जापुर में देहात कोतवाली क्षेत्र के कोटवां पांडेय गांव के राजकरण के पुत्र जयकिशन (36) एनटीपीसी के तपोवन स्थित पावर प्रोजेक्ट में फोरमैन के पद पर कार्यरत हैं। उनके जिम्मे सुरंग में छड़ें लगाने का कार्य था। उनके साथ कार्य करने वाले गांव के युवक बालेश्वर ने बताया कि जिस समय पानी बढ़ा जयकिशन उसी जगह था। जब पानी तेज आवाज कर आने लगा तो वह अन्य लोगों के साथ वहां बने टनल में घुस गया। गांववालों का कहना है कि गांव के कई युवक उत्तराखंड मेहनत मजदूरी की तलाश में जाते रहते हैं। अभी चार पांच दिन पूर्व ही कुछ युवक वहां से वापस लौटे हैं। इस घटना की जानकारी के बाद उनके भी होश उड़े हुए हैं। जयकिशन नवंबर 2020 में वहां गया था, उसके बाद उसका होली में आने का कार्यक्रम था। जयकिशन पांच भाई हैं और एक बहन रेखा है। वहीं जयकिशन की चार बेटियां हैं जिनमें नैना (12), निधि (10), नंदिनी (8) और गौरी (5) शामिल हैं
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