भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे महान संस्कृति है, यही वजह है कि भारतीयों का स्वर्ग में भी स्वागत होता है। रामकथा के चार घाट हैं, ज्ञान,उपासना, कर्म व तपत्र। यह बातें बुधवार को प्रतापगढ़ जिले के पट्टी के रामपुर खागल में आयोजित कार्यक्रम में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहीं।
चित्रकूट स्थित आश्रम के उत्तराधिकारी आचार्य रामचन्द्र शास्त्री (जय महाराज) के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में मंगलवार रात पहुंचे स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि भारत भगवान श्रीराम की नगरी है। यहां महाराणा प्रताप और वीर शिवाजी के गुणों का बखान होना चाहिए न कि विदेशियों का। उन्होंने संकल्प लिया कि जन्म दिन मनाने के लिए जब भी अपने पैतृक आवास सुजानगंज के शचिपुरम आएंगे, दूसरे दिन पट्टी के रामपुर खागल जरूर आएंगे। आयोजक सुशील कुमार मिश्र ने सपत्नीक उनकी आरती उतारी। इसके बाद जगद्गुरू ने भजन-कीर्तन कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। संचालन डॉ. गोपाल मिश्र ने किया। भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र, ब्लॉक प्रमुख पट्टी राकेश कुमार सिंह उर्फ पप्पू, योगेश मिश्र, एएसपी पूर्वी सुरेन्द्र द्विवेदी, एसडीएम पट्टी डीपी सिंह, सीओ पट्टी प्रभात कुमार आदि उपस्थित रहे।
आठ वर्षीय कल्लिका ने सुनाया श्लोक : कथा सुनने जौनपुर से आए एक परिवार की आठ वर्षीय बालिका कल्लिका ने मंच पर संस्कृत भाषा में श्लोक पढ़कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। वह जगद्गुरू के चित्रकूट आश्रम की छात्रा है। प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने बालिका को बतौर पुरस्कार दो हजार रुपये दिए।
राजनीति व अध्यात्म मिलने से होगी रामराज्य की स्थापना : स्वामी रामभद्राचार्य का आशीर्वाद लेने रामपुर खागल पहुंचे प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि राजनीति व अध्यात्म का मिलाप होने पर ही रामराज्य की स्थापना होगी। उन्होंने रामवनगमन से भगवान राम के राज्याभिषेक तक का वर्णन सुनाया और कहा कि स्वामी के दर्शन करके धन्य हो गया हूं।
सई तट पर बनेगा शवदाह गृह, स्नानघाट : स्वामी रामभद्राचार्य का आशीर्वाद लेने प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह भी रामपुर खागल पहुंचे। उन्होंने गांव के बगल से गुजरी सई नदी के पिपरी घाट पर शव दाहगृह व स्नान घाट बनाने का आश्वासन दिया।
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