उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ द्वारा प्रेषित प्लान आफ एक्शन 2020-2021 के अनुपालन में डॉक्टर बब्बू सारंग, जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अंबेडकर नगर के आदेशानुसार प्रफुल्ल कुमार चौधरी, प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अंबेडकर नगर के निर्देशानुसार 09-02-2021 को तहसील सभागार अकबरपुर अंबेडकर नगर में बालिका बचाओ विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए जारी दिशा निर्देशों के अंतर्गत किया गया l
शिविर को संबोधित करते हुए विराट मणि त्रिपाठी न्यायिक मजिस्ट्रेट जनपद न्यायालय अंबेडकरनगर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि औरतें समाज का बहुत महत्वपूर्ण भाग है और पृथ्वी पर जीवन के हर एक पहलू में बराबर भाग लेती हैं हालांकि भारत में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के कारण स्त्रियों के गिरते लिंग अनुपात ने देश में चिंताजनक स्थिति पैदा कर दी है इसलिए लिंगानुपात को सम्मान करने के लिए बालिकाओं को बचाना बेहद आवश्यक है l होने लड़का एवं लड़की में भेदभाव ना करने पर बल दिया l उन्होंने बताया कि यदि अल्ट्रासाउंड मशीन से किसी भी प्रकार की गलत जांच चिकित्सक द्वारा की जा रही है उसने सजा एवं जुर्माना दोनों का प्रावधान हैउन्होंने बताया कि समाज कुरीतियों में गिरता चला जा रहा है आज के इस टेक्नोलॉजी के युग में बेटियों के भ्रूण में ही समाप्त कर दिया जाता है l टेक्नोलॉजी का उपयोग हमेशा अच्छे कार्यों के लिए होना चाहिए जिससे देश का विकास हो सके l आज के युग में कुछ लोग इसका उपयोग विध्वंस कार्यों के लिए कर रहे हैं जिसका प्रणाम भविष्य में घातक होने वाला है और यदि समय रहते हम नहीं जागे तो हमें कोई विद्वान से बचा नहीं सकता l न्यायिक अधिकारी ने घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त कीl उन्होंने बालिकाओं के लिए समाज में जागरूकता पैदा करने के बाबत बल दिया यदि समाज में जागरूकता पैदा होगी तो भूल जा सोता ही समाप्त हो जाएगी और लोग लड़के लड़कियों में फर्क नहीं करेंगे l
शिविर में बोलते हुए जेपी यादव तहसीलदार/सचिव तहसील विधिक सेवा समिति अकबरपुर अंबेडकरनगर ने गर्भ में पल रहे शिशु के बारे में बड़े रोचक ढंग से बताया l उन्होंने बताया कि लड़के लड़कियों में फर्क करना अप्राकृतिक वह निंदनीय है l इसके अतिरिक्त गर्भावस्था के दौरान माता एवं होने वाले शिशु के स्वास्थ्य एवं कुपोषण के बारे में अपने विचार व्यक्त किए l उन्होंने कहा कि भारत में कुपोषण से मरने वालों बच्चों की संख्या अन्य देशों की अपेक्षा अधिक है l
शालिनी ओझा महिला कल्याण अधिकारी अंबेडकरनगर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि यदि अवैध रूप से भ्रूण जांच के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन का दुरुपयोग इसी प्रकार होता रहा तो हमारे देश में कन्या शिशु के लिए गंभीर स्थिति पैदा हो जाएगी l ऐसे केंद्र जहां अल्ट्रासाउंड मशीन, स्कैनर कोई अन्य तकनीकी उपलब्ध है जिससे गर्भस्थ शिशु का लिंग निर्धारण किया जा सकता है का पंजीकृत होना अनिवार्य है का पंजीकृत होना आवश्यक है l स्वेच्छा से लिंग परीक्षण करवाने पर महिला के विरुद्ध भी सजा और जुर्माना हो सकता है l
शिविर का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता रामचंद्र वर्मा द्वारा किया गया शिविर में राजीव सिंह अध्यक्ष चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, सविता कुमारी, बंदना बर्मा, गरिमा, रंजना वर्मा, विपिन पटेल, धर्मेंद्र नारायण, अनिल कुमार वर्मा, नरसिंह नारायण तिवारी, सुरेश कुमार वर्मा, गौतम कुमार, रवि चौधरी, अजय कुमार वर्मा, कपिल देव वर्मा, रुपेश यादव, सुनील कुमार त्रिपाठी, किरन तथा तहसील के कर्मचारी गण एवं मीडिया कर्मी आदि उपस्थित रहे l
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