लंबित विकास परियोजनाओं को तेजी से कराएं पूर्ण:डीएम

उरई। उत्तर प्रदेश के विकास प्राथमिकता 37 प्रपत्रों पर योजनाओं की प्रगति मासान्त माह जनवरी 2021 की मासिक समीक्षा बैठक जिलाधिकारी डा मन्नान अख्तर की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा0 अभय कुमार श्रीवास्तव द्वारा विभागों की बिन्दुवार प्रगति के बारे में प्रपत्र के माध्यम से अवगत कराया। उन्होने सर्वप्रथम कुछ विभागों की प्रगति डी-श्रेणी में पाये जाने पर जिलाधिकारी महोदय द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी तथा ऐसे विभागीय अधिकारियों को चेतावनी दिये जाने के भी निर्देश दिये। बैठक में लघु सिंचाई के अन्तर्गत चैकडेमों के निर्माण की जानकारी की जिसकी प्रगति धीमी पाये जाने पर प्रगति में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये गये। उन्होने वेतवा नहर की शिल्ड सफाई के प्रगति की जानकारी की जिसमें बताया गया कि विभागीय कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं, मनरेगा के अन्तर्गत कार्य अभी अपूर्ण है जिसे शीघ्र पूर्ण कर लिये जायेगे। बैठक में पिछली माह की प्रगति की अपेक्षा प्रगति धीमी पाये जाने पर जिलाधिकारी द्वारा प्रगति में तेजी तथा ए-श्रेणी में लाये जाने तथा नहरों में टेल तक पानी शत प्रतिशत पहुचने के निर्देश दिये। उन्होने विधुत विभाग की समीक्षा के दौरान जानकारी की कि विभागों द्वारा विधुत बकायों के भुगतान किन-किन विभागों द्वारा अभी बाकी है तथा वसूली में प्रगति पिछले माह की अपेक्षा धीमी पाये जाने पर अधिशाषी अभियन्ता को निर्देशित किया कि विभागों द्वारा विधुत बिल शीघ्र जमा कराये जाये। उन्होने नयी सड़कों के निर्माण के संबंध में जानकारी की तथा पिछले माह की अपेक्षा निर्माण कार्यो में अपेक्षाकृत कम पाये जाने पर उसे इसी माह दिनांक 20.02.2021 तक अवशेष कार्य शीघ्र पूर्ण किये जाने के कड़े निर्देश दिये। उन्होने पुलों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की जिसमें प्रगति पिछले माह की अपेक्षा कम पाये जाने पर उसे और कार्यो में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी द्वारा अधिशाषी अभियन्ता आर0ई0एस0 तथा अधिशाषी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग से कराये गये कार्यो के सत्यापन किये जाने के भी निर्देश दिये। उन्होने यह भी कहा कि विभागीय अधिकारी द्वारा पुलों के निर्माण कार्यो को दिन में कम से कम दो बार निरीक्षण करे। उन्होने यह भी कहा कि पुलों के निर्माण कार्य में शिथिलता से होने वाली देरी से ही उसकी लागत में वृद्वि हो जाती है जिससे सरकारी धन की क्षति होती हैं। उन्होने कहा कि इस प्रकार निर्माण कार्यो में समय सीमा का विशेष ध्यान रखे जाने के निर्देश दिये। उन्होने कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि की भी समीक्षा की जिसे संबंधित अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया। जिलाधिकारी द्वारा पशु टीकाकरण की प्रगति तथा पशुओं के जियो टैगिंग के संबंध में भी जानकारी तथा लक्ष्य के सापेक्ष कार्यो में वृद्वि किये जाने के निर्देश दिये। उन्होने आयुष्मान भारत के रजिस्ट्रेशन की भी जानकारी की तथा जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा गांवों में कितने परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाये गये है उसकी जानकारी उपलब्ध कराये। जिलाधिकारी द्वारा परिवार नियोजन, पल्स पोलियो अभियान की प्रगति की भी समीक्षा की जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया। उन्होने सामुदायिक शौचालय निर्माण की प्रगति की भी जानकारी की जिलाधिकारी द्वारा पाईप पेयजल योजना, प्रधानमंत्री शहरी एवं ग्रामीण आवास योजना की भी समीक्षा की जिस पर संबंधित अधिकारी द्वारा जानकारी उपलब्ध करायी गयी। उन्होने मत्स्य विभाग की समीक्षा की जिसमें लक्ष्य के सापेक्ष कार्य की प्रगति तथा पट्टे की स्थिति की जानकारी करते हुये सूची उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी द्वारा उद्यान विभाग, समाज कल्याण विभाग, दिव्यांगजन विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, पिछड़ा वर्ग विभाग आदि विभागों की भी बिन्दुवार प्रगति की समीक्षा की जिस पर संबंधित अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया। उन्होने कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत आनलाइन आवेदन पत्रों के सापेक्ष निस्तारित आवेदन पत्रों की भी जानकारी की तथा जिन-जिन विभागों में प्राप्त आवेदन पत्रों का अभी तक निस्तारित नही किये गये है उन्हे पाँच दिन के अन्दर निस्तारित किये जाने के कड़े निर्देश दिये गये। उन्होने यह भी कहा कि यदि निस्तारित किये जाने में शिथिलता पायी गयी तो उनके विरूद्व कार्यवाही की जायेगी। जिलाधिकारी द्वारा दुग्ध विकास भी समीक्षा की गयी तथा दुग्ध समितियों का गठन तथा अधिक से अधिक समितियों को क्रियाशील बनाये जाने के निर्देश दिये। उन्होने कायाकल्प के अन्तर्गत विद्यालयों में शौचालय निर्माण की स्थिति की जानकारी की तथा उसकी सूची उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी द्वारा सहकारिता विभाग की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कॉपरेटिव बैंक से कई विभागों द्वारा लोन लिये जाने तथा उसकी वापिसी न किये जाने की स्थिति पर चिन्ता जाहिर करते हुये अवशेष देयकों की वसूली बढ़ाये जाने के संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये। बैठक में जिलाधिकारी महोदय द्वारा सभी विभागीय अधिकारियों को उनके विभागों की प्रगति सन्तोषजनक न पाये जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुये कहा कि अगली बैठक में प्रगति सन्तोषजनक नही पायी गयी तो उनके विरूद्व कार्यवाही की जायेगी। 
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा0 अभय कुमार श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 ऊषा सिंह, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 शशिकान्त द्विवेदी, वनाधिकारी अंकेश कुमार श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी सुभाष चन्द्र त्रिपाठी, उप कृषि निदेशक आर0के0 तिवारी, उपायुक्त मनरेगा अवधेश दीक्षित, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी प्रदीप कुमार सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।



जालौन से अनिल कुमार की रिपोर्ट

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