गंगा की रेती पर तंबुओं की नगरी यानी माघ मेला बसने के बाद आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। शनिवार को तीर्थ पुरोहित के शिविरों में आग लगने की यह तीसरी घटना थी। हालांकि इसकी असली वजह अभी तक नहीं मिल सकी है। इससे पहले भी कई ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिससे लोगों का काफी नुकसान हो चुका है। इसके बाद भी माघ मेला पुलिस और अग्निशमन विभाग इस तथ्य को सार्वजनिक नहीं कर सका है कि आखिरकार एक के बाद एक होने वाले ऐसे हादस के पीछे सही वजह क्या है।
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