अफसोस!कोई तो शिक्षा,स्वास्थ्य व रोजगार की बात करे-जगरनाथ यादव
भाटपार रानी देवरिया।मिशन ग्रामोदय के कर्मयोगी साथियों से वर्तमान परिवेश की राजनीति व देश-राज्य की व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा हुई,जिसमें मिशन ग्रामोदय के संचालक- जगरनाथ यादव ने कहा कि आज की राजनीति गर्तोन्मुख हो गयी है।कोई भी विद्वान या मनीषी देश के उत्थान के लिए आवश्यक मूलत: आधारभूत संरचनात्मक ,क्रियात्मक सोच नही रखता है।कोई व्यक्ति शिक्षा,स्वास्थ्य व रोजगार की बात नहीं करता है।सिर्फ और सिर्फ जातिगत,दलगत व व्यक्तिवादी सोच हावी है जो देश की अखण्डता को तार-तार करने पर आमादा है।आपसी वैमनस्य व प्रतिकार की भावना भविष्य को निगलना चाहती है।हमारे पुरखों की अतीत विरासत जो बसुधैव कुटुम्बकम् के सपनों से सजी,मानवमात्र की संकल्पना को तिरोहित करती मर्यादापूर्ण आदर्श भावना अब मात्र कल्पना बनकर रह गई है।मिशन ग्रामोदय के निर्देशक डा०धर्मेन्द्र कुमार प्रजापति ने बताया कि यदि देश को नया मुकाम देना हो तो व्यक्तिवादी व जातिधर्म से ऊपर उठकर देश के विकास के लिए शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार की बात होनी चाहिए।युवापीढ़ी के लिए आधुनिक शिक्षा व तकनीकी शिक्षा जो सर्वसुलभ हो की व्यवस्था हो,तभी जनसंसाधनता का परिष्कार होगा और कुशल जन संसाधन ही देश की उन्नति मे सहायक सिद्ध होगें।मिशन के सचिव श्री छांगुर प्रसाद के अनुसार देश को समुन्नत बनाने के लिए लघु व कुटीर उद्योगों के विकास के लिए कर से राहत व वित्तपोषण की पूर्ण जिम्मेदारी निभाकर देश के निम्न वर्ग के आय को बढ़ाकर जीवन स्तर मे सुधार कर रामराज्य की संकल्पना को संपुष्टित किया जा सकता है।जबतक देश का निम्न वर्ग यानी किसान,मजदूरों के लिए रोजगारपरक व आर्थिक आधार को मजबूती देने के लिए एक पारदर्शी विकास नीति का निर्धारण नही होता है तबतक देश के सम्पूर्ण विकास की कल्पना बेमानी है,क्योंकि देश की बड़ी आबादी के उत्थान के बिना रामराज्य नही आ सकता है।
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