NCR News:कानून-व्यवस्था बनाए रखने जैसी आपात परिस्थितियों में इंटरनेट बंद करने को लेकर हो रही आलोचना और अरबों के आर्थिक नुकसान को ध्यान में रखते हुए सरकार एक बहुआयामी कार्ययोजना पर विचार कर रही है। इसमें सूचना और प्रसारण मंत्रालय, आईटी मंत्रालय, टेलीकॉम मंत्रालय जैसे केंद्र सरकार के अहम विभागों को मंथन का हिस्सा बनाया जाएगा। पूरी वैकल्पिक कार्ययोजना का अंतिम मकसद यह है कि इंटरनेट शटडाउन की नौबत से बचा जा सके और कानून एवं व्यवस्था भी बनी रहे।जानकारी के अनुसार इस व्यापक कार्ययोजना के तहत इंटरनेट शटडाउन को अगर अंतिम शासकीय औजार के तौर पर इस्तेमाल करना पड़े तो न्यूनतम लोकल व्यवधान पैदा किया जाएगा जैसा सर्जरी के समय लोकल एनेस्थीसिया से छोटे से भाग को सुन्न किया जाता है। इंटरनेट शटडाउन के खिलाफ सिर्फ जनाक्रोश है बल्कि सुप्रीम कोर्ट तक ने इस बुनियादी अधिकारी का हनन माना है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस बारे में आवाजें उठी हैं।इसके तहत इंटरनेट के पूरी तरह शटडाउन के बजाए कुछ चुने हुए आईपी एड्रेस को स्लोडाउन करने की योजना है। इसमें इंटरनेट प्रोवाइडरों की सक्रिय हिस्सेदारी और मदद की जरूरत होगी।

ऐसे भी शटडाउन

  • हाल में म्यांमार में सैन्य तख्ता पलट के लिए शटडाउन किया गया।
  • यूक्रेन में विदेशी प्रोपेगेंडा रोकने के लिए।
  • घाना में सार्वजनिक छुट्टी के दौरान भीड़ नियंत्रित करने के लिए।
  • इथियोपिया में परीक्षाओं के दौरान नकल रोकने के लिए।

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