मथुरा || बरसाना: किसान बिल को लेकर आंदोलन कर रहे किसान नेताओं के सम्पति की जांच होनी चाहिए। जबकि ज्यादातर किसान नेता सिर्फ इसलिए आंदोलन कर रहे है क्योंकि उन्हें विपक्ष दलों द्वारा रुपया दिया जा रहा है। यह बात किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहीं।*
हाल ही में किसान आंदोलन के चिल्ला बॉर्डर से लौटे किसान यूनियन भानू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने शनिवार को कस्बे के माधव गार्डन में पत्रकारों से बात करते हुए आंदोलन कर रहे किसान नेताओं पर निशाना साधा। भानु प्रताप सिंह ने कहाकि हमें लगा कि हम देश के किसानों के लिए आंदोलन कर रहे है, लेकिन 26 जनवरी की घटना के बाद हमें शर्म महसूस हुआ कि हम देश के किसानों के लिए नहीं गुंडों के पक्ष में आंदोलन कर रहे थे। देश के स्वभिमान लालकिले पर जिस तरह से खालिस्तानी झंडा फहराया गया। यह काम देश का किसान नहीं कर सकता सिर्फ गुंडे कर सकते है। वहीं उन्होंने वार्ता के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर भी हमला बोला। उन्होंने कहाकि उनका काम तो सिर्फ पैसे लेकर आंदोलन करना था। यह संगठन बाबा टिकैत के समय तक किसानों के हित मे काम करता था, लेकिन अब खुद के हित में काम करता है। मेरा सरकार से अनुरोध है कि देश के सभी बड़े किसान नेताओं की समाप्ति की जांच होनी चाहिए। जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। इन किसान नेताओं की पोल खुलने के बाद ही देश के भोले भाले किसानों को इनका असली चेहरा दिखेगा। जब सरकार लगातार वार्ता करने को तैयार थे तो इन किसान संगठनों को क्या जरूरत थी 26 जनवरी को उपद्रव मचाने की। किसान यूनियन भानु आज भी किसानों के साथ खड़ा है। आगे भी किसानों के साथ खड़ा रहेगा। वहीं भानु प्रताप सिंह ने मथुरा प्रशासन को चेतावनी दी है कि बरसाना क्षेत्र में हुए ओलावृष्टि से किसानों के नुकसान की जल्द भरपाई करें अन्यथा किसान यूनियन भानु किसानों के साथ कलेक्ट पर धरना देगा।
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