राम कथा सिर्फ़ सुनने का नही अनुकरण करने का विषय हैं!

अपने से बड़े के पैर छूने मे कोई संकोच नहीं करना चाहिए! दिलीप दीक्षित 

ईंटों (जालौन)-
ब्लाक कुठौद के कस्वा ईंटो में आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा महोत्सव की अमृत कथा मे श्री राम विवाह की कथा सुनकर श्रोता थिरकने लगे! अपने वक्तव्य में आचार्य श्री ने कहा कि एक घर मे बुजुर्ग दादी बाबा को मिट्टी के बर्तन मे खाना देते देख उनके पोते न कहा कि इस बर्तन मे मैं भी अपने पिता को खाना दूगा, अपने बच्चे की बात सुनकर इस बच्चे के माता पिता को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने अपने माता-पिता से क्षमा मांगी आशय यह है कि हमें अपने से बड़े बुजुर्गों की सेवा और सम्मान में कोई संकोच नहीं करना चाहिए! यही हमारी भारतीय संस्कृति परंपरा है! आप जैसा करेगे वैसा ही भोगना पड़ेगा! जनकपुरी मे श्री राम विवाह  के बाद सीता मैया का अयोध्या आगमन, मुंह दिखाई की रस्म आदि कथाओं का विस्तृत वर्णन किया गया! कथाचार्य मंडली मे कथा वाचक पंडित दिलीप दीक्षित उर्फ़ दीपू महाराज, सहायक सत्यनारायण मिश्र सन्गीत पार्टी मे आर्गन पर आशीष रेडर नाल पर बब्लू इतौरा पैड पर योगेन्द्र दीक्षित प्रतापपुरा आदि रहे! इस मौके पर पप्पू पंडित, सत्यनारायण मिश्र शास्त्री जगदम्बा सक्सेना हरिओम त्रिपाठी महेश सुरेश ऊदल फ़ौजी मोनू रामगनेश डब्बू सक्सेना विनय विवेक पत्र्कार संजय गुप्ता सियाराम शिवहरे भोला पाठक नीलकमल ग्रामवासी क्षेत्रवासी सहित सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे!



जालौन से अनिल कुमार की रिपोर्ट।

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