योगी सरकार प्रदेश के वकीलों और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े युवाओं को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में बड़े कदम उठाने जा रही है। राज्य सरकार ने इसके लिए अपने बजट में कई प्राविधान किए हैं। प्रदेश के न्यायालयों में वकीलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस चैम्बर मिलने जा रहे हैं। वहीं, योगी सरकार जिला न्यायालयों की सूरत भी बदलने की तैयारी में है। सरकार 450 करोड़ रुपये की रकम खर्च कर जिला न्यायालयों में नए भवन बनाएगी।
युवा अधिवक्ताओं का राज्य सरकार ने बजट में खास ध्यान रखा है। युवा अधिवक्ताओं को समय पर और अधिक आर्थिक सहायता के लिए कॉर्पस फण्ड में 5 करोड़ रूपये की धनराशि बजट में प्राविधान किया है। इसके साथ ही वकीलों के पठन पाठन का ध्यान रखते हुए सरकार ने बजट में किताबों और पत्र, पत्रिकाओं की खरीद के लिए 10 करोड़ रुपये की राशि प्रास्तावित की है।
सरकार प्रदेश के अलग अलग जिलों में आधुनिक अधिवक्ता चैम्बर बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करने जा रही है। उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि से संबंधित कल्याणकारी स्टाम्पों की बिक्री की शुद्ध प्राप्ति की धनराशि अधिवक्ता कल्याण निधि हेतु न्यासी समिति को अन्तरण के लिये 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था भी सरकार ने बजट में की है।
बजट में शामिल इन योजनाओं को वकीलों की आत्म निर्भरता और स्वाभिमान से जोड़ कर देखा जा रहा है। जिला न्यायालयों में सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सरकार ने 450 करोड़ की लागत से नए भवन बनाने का बड़ा फैसला किया है। नए भवनों को सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। नए भवनों में न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों,वकीलों के साथ ही वहां आने वाले लोगों की सुविधा का भी ध्यान रखा जाएगा।
प्रयागराज में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ हाईकोर्ट परिसर में मल्टीलेवल और एडवोकेट चैम्बर्स का निर्माण ईपीसी मोड पर कराये जाने का प्राविधान भी किया गया है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिये 100 करोड़ की लागत से नए आवासीय भवनों का निर्माण किया जाएगा । उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खण्डपीठ के लिये नये भवनों के निर्माण पर सरकार 150 करोड़ रूपये और इलाहाबाद पीठ के भवन निर्माण के लिए 450 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। लखनऊ बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री सुरेश पांडे कहते हैं कि मुख्यमंत्री ने बजट में अधिवक्ताओं को जो सुविधाएं देने की घोषणा की है, वह बहुत ही सराहनीय है। किसी भी सरकार ने अधिवक्ताओं के लिए इतना नहीं सोचा है। पहली बार किसी सरकार ने बजट में वकीलों और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोगों के लिए इतनी योजनाएं दी हैं। इसके लिए योगी सरकार बधाई की पात्र है।
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