मेरठ ||उत्तर प्रदेश में लव जिहाद पर सख्त कानून बना दिया गया हो लेकिन जिहादी अपने मिशन को पूरा करने के लिए नए-नए रास्ते अख्तियार कर रहे हैं। कभी स्कूल में टीचर बनकर छात्राओं से लव जिहाद करते हैं तो कभी विश्वविद्यालय में अपने आप को मीडिया कर्मी बताकर छात्राओं को अपने जाल में फंसा लेते हैं।
ताजा मामला मेरठ के सीसीएस यूनिवर्सिटी का है जहां दो जिहादी अपने आप को अलग-अलग दो बड़े चैनलों का संवाददाता बताकर छात्राओं को अपने जाल में फसा रहे थे। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक जिहादी विश्वविद्यालय परिसर में बने स्वामी विवेकानंद पार्क के पास एक छात्रा से जबरदस्ती उसका मोबाइल नंबर मांग रहा था लेकिन जब छात्रा ने अपना नंबर देने से मना कर दिया तो जिहादी ने उसका हाथ पकड़कर खींचने की कोशिश की। छात्रा की चीख-पुकार सुन के वहां मौजूद विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों और विहिप बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस जिहादी को पकड़ कर उससे पूछताछ की तो जिहादी ने अपने आप को ज़ी न्यूज का रिपोर्टर बताते हुए छात्रों पर भी रोब गालिब करने की कोशिश की। जब छात्रों ने उससे मेरठ की किसी मीडियाकर्मी का फोन लगाकर उसे बुलाने को कहा तो उसके मोबाइल में किसी भी मीडियाकर्मी का नंबर नहीं मिला जिससे छात्रों को उस पर शक हुआ और उन्होंने उसका मोबाइल छीन कर देखा तो उसके मोबाइल में गर्लफ्रेंड नाम से एक फोल्डर बना था जिस फोल्डर में 59 हिंदू लड़कियों के नाम सेव थे तो लगभग 350 फोटो भी सुरक्षित थे। फिर क्या था छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उन्हें जिहादी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना नाम श्याम बताया लेकिन जब उसके गले में पड़ा ज़ी न्यूज़ का आई कार्ड दिखा तो उसमें उसका नाम श्यान सिद्दीकी लिखा हुआ था लेकिन यह क्या जब इस जिहादी को पुलिस को सौंपा गया तो वहां उसने अपना नाम पहले साहिल और फिर बाद में सालिक बताया।
पुलिस की सख्त पूछताछ में उसने बताया कि आज तक का संवाददाता अनस भी उसके साथ उसके इस मिशन में शामिल है। जिहादी सालिक के पास से ज़ी न्यूज़ चैनल की माइक आईडी, ज़ी न्यूज़ का लोगो लगा हुआ बैग, ज़ी न्यूज़ का आई कार्ड, जिंदा कारतूस, रिवाल्वर का कवर और एक वायरलेस सेट बरामद हुआ गाया हुआ है
वायरलेस सेट पर तो मोदी गिफ्ट लिखा था जिससे वो सबको ये बताता था कि ये वायरलेस उसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिफ्ट किया है। यानी इन सब माध्यमों के जरिए वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था।
जिहादी सालिक पहले भी धोखाधड़ी के मामले में थाना सदर बाजार से जेल जा चुका है। हालांकि पुलिस ने जिहादी सालिक को तो गिरफ्तार कर लिया है लेकिन अनस और इस मिशन से जुड़े तमाम वो लोग अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं जो एक बड़े स्तर पर लव जिहाद के इस मिशन को चला रहे हैं। लेकिन अब देखना होगा कि आखिर पुलिस इस मिशन को चलाने वाले उन लोगों तक कब और कैसे पहुंच पाती जो लोग इस बड़ी साजिश की रचना कर रहे हैं।
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