विगत दो वर्ष पूर्व उतरौला के नया नगर प्राथमिक विद्यालय में करंट की चपेट में आने से लगभग 55 छात्र झुलस गए थे। घटना से जनपद सहित पूरे प्रदेश के अभिभावकों में काफी आक्रोश था। घटना का संज्ञान लेते हुए आनन-फानन में उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली विभाग को प्रदेश के सभी विद्यालयों के ऊपर या परिसर के आसपास से गुजर रही हाईटेंशन तार एवं ट्रांसफार्मर हटाने के लिए आदेश दिया था। विद्युत विभाग के आला अधिकारियों ने लाइनमैन, एसएसओ को सस्पेंड कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। लेकिन समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं किया गया।
स्कूल भवन व परिसर से गुजरी हाईटेंशन तार एवं ट्रांसफार्मर शिक्षक व छात्रों की टेंशन बनी है। अभिभावक भी परेशान हैं। बिजली विभाग की मनमानी ने शिक्षा विभाग को मुश्किल में डाल रखा है। स्कूल परिसर से हाईटेंशन लाइन हटाने के लिए जारी पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शिक्षा क्षेत्र उतरौला के पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय दिलावलपुर, गैड़ास बुजुर्ग के मिल्लत पब्लिक इंटर कॉलेज सहित कई ऐसे सरकारी व निजी स्कूल हैं जहां से हाईटेंशन लाइन गुजरी है। कुछ स्कूलों की बाउंड्री के पास ट्रांसफार्मर भी रखे हैं।
स्कूल भवन व परिसर से गुजरी बिजली लाइन को हटाने के लिए प्रधानाध्यापक श्रवण कुमार बिजली विभाग को कई पत्र भेज चुके है। लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
हाईटेंशन तार व ट्रांसफार्मर हटाए जाने के लिए विद्युत एवं शिक्षा विभाग एक दूसरे के पाले में गेंद डालकर अपना पल्ला झाड़ रहा है।
अधीक्षण अभियंता ललित कुमार ने बताया कि तार व ट्रांसफार्मर हटाने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से बजट दिया जाएगा तभी कार्य हो पाएगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रामचंद्र ने कहा कि विद्युत विभाग की तरफ से तार व ट्रांसफार्मर हटाने के लिए बहुत अधिक बजट की डिमांड की जा रही है। सभी ब्लॉकों से ऐसे विद्यालयों की सूची मांगी गई है। शीघ्र ही शासन से बजट की डिमांड की जाएगी ।
असगर अली
उतरौला
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