अम्बेडकरनगर।जिला अस्पताल स्थित एमसीएच विंग में दिनांक 09-02-2021 को प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान का किया गया पर्यवेक्षण।कोरोना संक्रमण काल में भी प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का लाभ महिलाओं को नही मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक अस्पताल आने वाली गर्भवतियों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले कई माह बाद आयोजित हुए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की अपेक्षा इस बार में आयोजित कार्यक्रम में ज्यादा संख्या में गर्भवती माताओं ने नियमित जांच कराई है। एचआरपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) महिलाओं की संख्या भी बढ़ गई है। नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का आयोजन होता है। कोरोना काल में गर्भवती की सुरक्षा के मद्देनजर इसे रोक दिया गया था। इधर इसे दोबारा फिर से शुरू किया गया है। विभाग का जोर है अब ज्यादा से ज्यादा गर्भवती माताएं आयोजन में शामिल होकर अपनी जांच कराएं। डिप्टी सीएमओ  ने बताया कि आयोजित कार्यक्रम में कुल4453 गर्भवती माताओं ने अपनी जांच कराई थी। इसमें द्वितीय व तृतीय तिमाही वाली 1032 थीं। इनमें से 2328 एचआरपी मिली थीं। इस माह 1624 महिलाओं ने अपनी जांच कराई। द्वितीय व तृतीय तिमाही वाली महिलाओं की संख्या भी 1245 हो गई। इनमें से 165 गर्भवती हाई रिस्क वाली चिह्नित की गई हैं। एचआरपी की सूची तैयार कर उनकी मानीटरिग की जाएगी। बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को न्यूनतम करना है। आपको बताते चले कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की निश्चित नवीं तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है।
इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि (गर्भावस्था के 4 महीने के बाद) के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाएगा।इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह हैं, कि प्रसव पूर्व जांच सेवाएं ओबीजीवाई विशेषज्ञों/चिकित्सा अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी।
निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों/चिकित्सकों को हर महीने की नवीं तारीख को उनके जिलों में सरकारी चिकित्सकों के प्रयासों के साथ स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं।
माननीय प्रधानमंत्री जी ने मन की बात की हाल की कड़ी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के लक्ष्य और शुरूआत के उद्देश्य पर प्रकाश डाला तथा निजी क्षेत्र के स्त्री रोग विशेषज्ञों/चिकित्सकों से उनकी स्वैच्छिक सेवाएं देने की अपील की।
इस कार्यक्रम की शुरुआत इस आधार पर की गयी है, कि यदि भारत में हर एक गर्भवती महिला का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं पीएमएसएमए के दौरान उचित तरीकें से कम से कम एक बार जांच की जाएँ तथा इस अभियान का उचित पालन किया जाएँ, तो यह अभियान हमारे देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकता हैं।

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